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हिमाचल-प्रदेश

हिमाचल में भांग की खेती को कानूनी दर्जा देने के लिए नीति बनाएगी सरकार : जयराम ठाकुर

Raftaar Desk - P2

शिमला, 05 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में भांग की खेती को कानूनी दर्जा देने के लिए नीति बनाने पर विचार करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को प्रदेश विधानसभा में भाजपा सदस्य रमेश धवाला द्वारा प्राइवेट मेंबर डे के तहत भांग की खेती को वैध करने को नीति बनाने पर विचार करने के लिए लाए गए संकल्प के जवाब में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि भांग की खेती हिमाचल में आय का बहुत बड़ा साधन बन सकती है, बशर्ते इसके लिए उचित कानून बने। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत प्रदेश में भांग की खेती करने, पैदावार, रखरखाव और परिवहन के लिए कानूनी प्रावधान है। इसके तहत प्रदेश सरकार राज्य में भांग की खेती के लिए नियम बना सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं भांग की खेती को कानूनी दर्जा देने के पक्ष में है। जयराम टाकुर ने कहा कि उन्होंने खुद 24 जून 2004 को विधानसभा में प्राइवेट मेंबर डे के तहत इस संबंध में संकल्प लाया था। उस समय के अधिकांश विधायक दलगत राजनीति से ऊपर इस संबंध में कानून बनाने के पक्ष में थे और यही स्थिति आज भी है। उन्होंने कहा कि भांग की खेती का एक पहलू यह है कि इससे नौजवान पीढ़ी बर्बाद होगी, जबकि दूसरे पहलू में सरकारी नियंत्रण में भांग की खेती पर विचार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भांग केवल नशे के काम ही नहीं आती, बल्कि इससे अनेक तरह के उत्पाद बनते हैं, जो बाजार में उपलब्ध हैं। यही नहीं, हिमाचल में त्योहारों और कई अन्य मौकों पर भांग के बीज का उपयोग होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात और उत्तराखंड राज्यों ने एनडीपीएस एक्ट के तहत भांग की खेती के लिए नियम बनाए हैं, जबकि मध्य प्रदेश और मणिपुर में इस पर विचार चल रहा है। हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और जलवायु भांग की खेती के लिए बड़े पैमाने पर उपयुक्त है। ऐसे में प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए भांग की खेती एक बड़ा जरिया बन सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल