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हिमाचल-प्रदेश

कांगडा में कोरोना की पहचान और इलाज में देरी बन रही मौत का बड़ा कारण : सीएमओ

Raftaar Desk - P2

धर्मशाला, 11 मई (हि.स.)। कांगड़ा जिला में बीते कुछ समय से कोरोना संक्रमण के कारण बढ़ते मौत के आंकड़े की मुख्य बजह लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही और समय पर टैस्ट नही करवाना बड़ी बजह रही है। यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा गुरदर्शन गुप्ता ने मंगलवार को जारी प्रेस बयान में कही। उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में जिला कांगड़ा में कोरोना संक्रमण से 149 मौतें हुई थीं, परन्तु मई महीने के पहले दस दिन में ही यह आंकड़ा 138 तक पंहुच गया है। इन आंकड़ों के बढ़ने की वजह का आकलन करते हुए यह पाया गया है कि बहुत से लोग कोरोना के लक्ष्ण बुखार, खांसी, जुकाम, सरदर्द और सांस लेने में दिक्कत इत्यादि होने को नजरअंदाज करते हुये नीम-हकीमों से परामर्श लेते हैं अथवा दवाई की दुकान से दवाई ले लेेते हैं। इसके उपरान्त तबीयत बिगड़ने पर यह लोग अस्पताल आते हैं, जिसकी वजह से बिगड़ी हुई बिमारी वाले लोगों को बचाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इन लक्षणों को न छुपायें और अस्पताल जाकर परामर्श लें तथा समय पर टैस्ट करवाएं। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में इस समय 10 हजार से ज्यादा कोरोना के सक्रिय मामले हैं और चिंताजनक बात यह है कि इन आकड़ों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि मार्च महीने में सक्रियता दर चार प्रतिशत के करीब थी जो मई महीने में बढ़कर 32 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि इस बारे में उपायुक्त कांगड़ा द्वारा भी निजी अस्पतालों एवं दवाई की दुकानों वालों को यह निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति जो इन लक्षणों के साथ उनके पास आए तो वे उसकी सूचना सरकारी अस्पताल में दें और उसे सरकारी अस्पताल में टैस्ट करवाने के लिए प्रेरित करें ऐसा न करने पर उनके विरुद्ध कानूनी कारवाई की जायेगी। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील