चाइनीज मांझा बना बेजुबान पक्षियों की जान का दुश्मन, फायर ब्रिगेड टीम ने बचाई कबूतर की जान
चाइनीज मांझा बना बेजुबान पक्षियों की जान का दुश्मन, फायर ब्रिगेड टीम ने बचाई कबूतर की जान 
दिल्ली

चाइनीज मांझा बना बेजुबान पक्षियों की जान का दुश्मन, फायर ब्रिगेड टीम ने बचाई कबूतर की जान

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली 24 जुलाई (हि.स)- चाइनीज मांझा बना बेजुबान पक्षियों की जान का दुश्मन बन गया है।चाइनीज मांझा कि वजह से नरेला क्षेत्र में एक कबूतर की जान जोखिम में आई। स्थानीय पत्रकार ओमप्रकाश देशवाल की सजगता से फायर ब्रिगेड कर्मियों को बुलाकर इस परिंदे की जान तो बचा ली गई लेकिन इसके पंख काफी हद तक कट गए और इनमें काफी गहरे घाव हो गए। नरेला में सड़क किनारे पेड़ की ऊंची शाखाओं में लटकते एक पक्षी को जब गावं के लोगों ने देखा तो उसे बचाने के लिए प्रयास के जाने लगे लेकिन इतने ऊंचे पेड़ पर चढ़ना किसी के बस की बात नहीं थी, सड़क किनारे खड़े लोगों को पक्षी को बचाने का कोई तरीका नहीं सूझ रहा था, इसी बीच यहां से गुजकर रहे स्थानीय पत्रकार ने ग्रामीणों को अग्निशनम विभाग से मदद लेने की बात कही और फोन करके उन्हें बुलाया गाया। मौक पर रहुंची फायर ब्रिगेड टीम ग्रमीणों की मदद से काफी मशक्कत के बाद इस परिंदे को पेड़ से उतारने में सफल हो सकी, क्योंकि यह परिंदा जखमी हालात में पेड़ की टहनियों के साथ पतंग के मांझे में उलझा हुआ था। इसकी पंखों में लिपटा चाइनीज मांझा काटा गया, इसके बाद घायल कबूतर के पंखों में दवाई लगाई गई। परिंदे के साथ हुई इस घटना को देखकर लोगों में काफी रोष था, लोगों ने कहाकि की सरकारें चाइनीज मांझा बंद करने के दावे तो करती हैं लेकिन चाइनीज मांझा अभी भी खुलेआम बिक रहा है। नरेला निवासी समाज सेवी भीम सिंह रावत का कहना है कि चाइनीज मांझा गली-मोहल्लों में लगे बिजली के खंभों, सड़कों के किनारे पेड़ों पर और बिजली की तारों पर लिपटा हुआ साफ देखा जा सकता है।स्थीनीय लोगों का कहना है कि सरकार केवल दावे न करें बल्कि गंभीरता के साथ चाइनीज मांझा बेचने और खरीदने वालों पर सख्ती से पेश आएं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना किसी पक्षी व मानव के साथ ना हो। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश-hindusthansamachar.in