Journalist Protest
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दिल्ली

Journalist Protest: पत्रकारों की अवैध छंटनी के खिलाफ 9 अगस्त को संसद के सामने प्रदर्शन, PM को सौंपेंगे ज्ञापन

नई दिल्ली, हि.स.। अखबारों, टीवी चैनलों और न्यूज एजेंसियों से पत्रकारों और कर्मचारियों को अवैध तरीके से निकाले जाने के खिलाफ 9 अगस्त को संसद भवन के सामने कन्फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स एंड न्यूज एजेंसीस इम्पलाइज आर्गेनाइजेशन की तरफ से विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपे जाएंगे। इस प्रदर्शन में देशभर से मीडियाकर्मी हिस्सा लेंगे।

कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर नौकरी से निकाला जा रहा

कन्फेडरेशन के अध्यक्ष रास बिहारी और महासचिव एम.एस. यादव ने मंगलवार को बताया कि देशभर में अखबारों और टीवी चैनलों से पत्रकारों और गैरपत्रकार कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर नौकरी से निकाला जा रहा है। इससे पहले कोरोना काल में महामारी के बहाने लाखों कर्मचारियों को मीडिया प्रतिष्ठानों से बिना मुआवजा निकाला गया था। उन्होंने बताया कि कन्फेडरेशन की तरफ से वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की बहाली और पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को बड़े पैमाने पर उठाया जाएगा। इसके साथ ही मीडियाकर्मियों की अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा।

देश के विभिन्न हिस्सों से शामिल होने के लिए दिल्ली करेंगे कूच

कन्फेडरेशन से संबद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया के महासचिव प्रदीप तिवारी, इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी, महासचिव बलबिन्दर जम्मू, इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के महासचिव परमानंद पांडे, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पीटीआई इम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष भुवन चौबे, यूएनआई वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव एम एम जोशी, ऑल इंडिया न्यूजपेपर्स इम्पलाइज फेडरेशन सचिव सी के नायडू, द ट्रिब्यून इम्पलाइज यूनियन चंडीगढ़ के अध्यक्ष अनिल गुप्ता और नेशनल फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर्स इम्पलाइज के अध्यक्ष ने कहा है कि प्रदर्शन में हजारों पत्रकार देश के विभिन्न हिस्सों से शामिल होने के लिए दिल्ली कूच करेंगे।

पूरे देश में जगह-जगह सम्मेलन और बैठकों का किया जाएगा आयोजन

कन्फेडरेशन के अध्यक्ष रास बिहारी, महासचिव एम एस यादव, उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता तथा कोषाध्यक्ष एम एल जोशी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के कारण अखबारों, न्यूज चैनल्स और नियूज एजेंसियों के समक्ष आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है। इस कारण बड़ी संख्या में अखबार बंद हो रहे हैं। न्यूज एजेंसियों के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है। इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों का ध्यान दिलाया जाएगा। कन्फेडरेशन के पदाधिकारियों और संबद्ध संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा है कि संसद पर प्रदर्शन से पहले पूरे देश में जगह-जगह सम्मेलन और बैठकों का आयोजन किया जाएगा।