Raghav Chaddha, Supreme Cour
Raghav Chaddha, Supreme Cour 
नई-दिल्ली

राघव चड्ढा के अनिश्चितकालीन निलंबन पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- चड्डा सदन में विपक्ष की आवाज...

नई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा के राज्यसभा से अनिश्चितकालीन निलंबन पर चिंता व्यक्त की है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राघव चड्डा सदन में विपक्ष की आवाज की नुमाइंदगी करते हैं। सदन में ऐसी आवाज का प्रतिनिधित्व बना रहे, इसे लेकर हमें सतर्क रहना चाहिए।

विशेषाधिकार कमेटी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देंगे- कोर्ट

हालांकि, कोर्ट ने कहा कि हम विशेषाधिकार हनन के विस्तृत विषय या विशेषाधिकार कमेटी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देंगे। कोर्ट के सामने राज्यसभा से राघव चड्डा के अनिश्चितकाल तक निलंबन का मसला है। कोर्ट ने पूछा कि क्या राघव चड्डा माफी मंगाने को तैयार हैं। इस पर राघव चड्डा की ओर से पेश वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि वो राज्यसभा सभापति और कोर्ट दोनों के सामने माफी मांगने को तैयार हैं।

कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता

सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, क्योंकि यह संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस पर राघव चढ्ढा की ओर से पेश वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि 60 दिन तक अगर राघव चड्डा संसद में नहीं गए तो सीट खाली घोषित हो सकती है, ऐसे में कैसे अनिश्चितकाल तक सस्पेंड किया जा सकता है।

कोर्ट ने 16 अक्टूबर को राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया

कोर्ट ने 16 अक्टूबर को राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने अटार्नी जनरल से इस मसले पर सहयोग करने को कहा था। राघव चड्ढा को 11 अगस्त को निलंबित कर दिया गया था। पांच सांसदों की सहमति के बिना उनका नाम सेलेक्ट कमेटी के लिए प्रस्तावित करने के आरोप में उन्हें निलंबित किया गया था। मामला अभी विशेषाधिकार कमेटी के पास है। राघव ने निलंबन को गलत बताया है। इस मामले में पांच सांसदों का दावा था कि दिल्ली सेवा विधेयक को उनकी सहमति के बिना सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नाम का उल्लेख किया गया था।

सांसद चड्डा पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप

यह प्रस्ताव आप सांसद राघव चड्ढा ने पेश किया था, जिसमें सांसद चड्डा पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप है। इसके विरोध दर्ज कराने वाले सदस्यों में से तीन बीजेपी के सांसद हैं। एक बीजेडी से और एक अन्नाद्रमुक सांसद हैं। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच की मांग की थी।