Narendra Modi and Sunil Oza
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नई-दिल्ली

New Delhi: मोदी के करीबी का हुआ निधन !! काशी चुनाव में मोदी के लिए बनाई थी बड़ी रणनीति

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और प्रिय नेता सुनील भाई ओझा का बुधवार को निधन हो गया। उन्हें तबियत खराब होने की वजह से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने इस अस्तपताल में अंतिम सांस ली। बीजेपी ने उन्हें वर्तमान में बीजेपी के बिहार प्रभारी की जिम्मेदारी दी थी। वह काशी क्षेत्र के पूर्व संयोजक भी रह चुके है।

काशी चुनाव में मोदी के लिए चुनावी रणनीति बनाई

सुनील ओझा की गिनती उन नेताओ में शामिल थी जिनको प्रधानमंत्री से मिलने की सीधी अनुमति थी। वह कभी भी मोदी से मिल सकते थे। वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी, तो उस समय सुनील ओझा ही चुनाव की रणनीति बनाने के लिए गुजरात से काशी पहुंचे थे। जिसके बाद वह काशी में ही रहे, वाराणसी-मिर्जापुर के बार्डर के गढ़ौली धाम को लेकर सुनील ओझा ने खूब सुर्खिया बटोरी थी।

नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद नेता

सुनील ओझा का करीब 20 सालो का साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहा। वह नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद नेता थे। वह गुजरात की 10वीं और 11वीं विधानसभा में भावनगर दक्षिण सीट से दो बार विधायक रह चुके है। यह सीट कांग्रेस का गढ़ था उस समय, जिसको जितने का सारा श्रेय सुनील ओझा को ही जाता है।

जेपी नड्डा(भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष) ने जताया अपना दुख

सुनील ओझा के निधन पर जेपी नड्डा(भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष) ने अपना दुख जताया और एक्स में लिखा "भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, बिहार भाजपा के सह-प्रभारी सुनील ओझा जी का असामयिक निधन अत्यंत दुःखद है। ओझा जी का संपूर्ण जीवन जनसेवा व संगठन को समर्पित रहा। उनका जाना भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहन संवेदना प्रकट करता हूँ और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।"

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