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New Delhi: संसद की सुरक्षा में चूक मामले में लोकसभा सचिवालय ने 8 कर्मचारियों को किया निलंबित

नई दिल्ली, (हि.स.)। लोकसभा में बुधवार को हुई सुरक्षा चूक के मामले में आठ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है गुरुवार को लोकसभा सचिवालय ने संसद की सुरक्षा उल्लंघन की घटना में सुरक्षा चूक के लिए 8 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया।

बेरोजगारी, किसानो की पेरशानी और मणिपुर हिंसा की तरह कई मुद्दों से परेशान थे

मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने 7 में से 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रीवेंशन) एक्ट (UAPA) के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस की शुरूआती पूछताछ से पता चला है कि आरोपियों का मकसद अलग अलग मुद्दों की तरफ ध्यान केंद्रित करवाना था। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि वे देश में चल रहे बेरोजगारी, किसानो की पेरशानी और मणिपुर हिंसा की तरह कई मुद्दों से परेशान थे। आरोपियों का जो भी मकसद रहा हो, जल्द ही सामने आ जायेगा। लेकिन अपनी आवाज उठाने का ऐसा तरीका बिलकुल गलत है।

सुरक्षा एजेंसियां आरोपियों के किसी संगठन से जुड़े होने की भी जांच कर रही है

गिरफ्तार किये गए आरोपियों ने पुलिस को लोकसभा में रंगीन धुएं के इस्तेमाल करने का कारण बताया। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी कि उन्होंने ऐसा सिर्फ लोगो का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया, जिससे संसद में बैठे सभी लोग अलग अलग मुद्दों पर बात कर सके। सुरक्षा एजेंसियां आरोपियों के किसी संगठन से जुड़े होने की भी जांच कर रही है।

बुधवार देर रात केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इस सुरक्षा चूक मामले पर जांच का आदेश दिया

उल्लेखनीय है कि बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे। ये युवक अपने जूते में कुछ स्प्रे छिपाकर लाए थे। जिसे उन्होंने सदन में स्प्रे कर दिया और सदन में पीला धुआं फैल गया था। कल देर रात केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इस सुरक्षा चूक मामले पर जांच का आदेश दिया है।

सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित

गृह मंत्रालय ने कल देर रात लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना की जांच का आदेश दिया है। केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की गई है, जिसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों और विशेषज्ञों के सदस्य शामिल हैं।

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