नई-दिल्ली

दिल्ली बजट 2023 : दिल्ली के विकास के लिए खर्च किए जाएंगे 78,800 करोड़ रुपये : कैलाश गहलोत

नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली के वित्तमंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि राज्य के विकास के लिए उनकी सरकार 78,800 करोड़ रुपये खर्च करेगी। गहलोत ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा में बजट भाषण पढ़ते हुए कहा कि वह वर्ष 2023-24 के लिए 78,800 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित करते हैं ।

दिल्ली को बनाएंगे साफ-सुथरी

गहलोत ने कहा कि राज्य को साफ-सुथरा बनाने के लिए 09 स्कीम शुरु कर रहे हैं। इसके लिए यहां हर मोर्चे पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सरकार दिल्ली की सभी पीडब्ल्यूडी की सड़कें ठीक करेगी। दिल्ली में 26 नए फ्लाईओवर, पुल आदि के निर्माण कराए जाएंगे साथ ही तीन डबल डेकर फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के 57 मौजूदा बस डिपो का इलेक्ट्रिफिकेशन करेंगे और 02 मल्टीलेवल बस डिपो के साथ-साथ 09 बस डिपो के निर्माण कराए जाएंगे। साथ ही यमुना सफाई का एक्शन प्लान तैयार कर मिशन मोड में काम किया जाएगा और दिल्ली के तीनों कूड़े के पहाड़ हटाने का काम किया जाएगा।

केन्द्र सरकार दिल्ली के साथ कर रही है सौतेला व्यवहार

गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार को आर्थिक सहयोग नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार की ओर से मिल रहे हैं। जबकि दिल्ली को 66 हजार करोड़ रुपये मिलना चाहिए। बीते वर्ष से केन्द्र सरकार ने दिल्ल को मिल रहे 325 करोड़ रुपये के हिस्से को भी खत्म कर दिया है।

शिक्षा व्यवस्था को करेंगे और मजबूत

गहलोत ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाएगा। इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार 16575 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि हम अपने बजट का 21 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 12 नये एप्लाइड लर्निंग स्कूल खोलेगी। इन स्कूलों के बच्चों को अपना कौशल दिखाने के लिए अवसर मिलेंगे। दिल्ली के शिक्षकों को नये टैबलेट दिए जाएंगे। आने वाले वर्षों में 37 डॉ. आंबेडकर एक्सीलेंस स्कूल खोले जाएंगे। यह स्कूल दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल से एफिलिएटेड होंगे। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को फ्रेंच, जर्मन, जापानी भाषा भी पढ़ाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि हर घर को सीवर से जोड़ने के साथ-साथ सीवर ट्रीटमेंट के कार्य में तेजी लाई जाएगी। जिससे यमुना में प्रदूषित जल न जाए। उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर मोहल्ला बसें चलाई जाएंगी। यह बसे छोटी होंगी और यह छोटी सड़को और गलियों में चलाई जाएंगी। ये बसें लोगों को मैट्रो स्टेशनों से जोड़ेगी।

दिल्ली में बढ़ेगी इलेक्ट्रिक बसें

गहलोत ने कहा कि दिल्ली में आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई जाएंगी। दिल्ली में वर्ष 2025 तक 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों का लक्ष्य रखा गया है। आने वाले समय में राज्य में 8280 बसें इलेक्ट्रिक होंगी, इसका परिणाम यह होगा कि हर साल 04 लाख 60 हजार टन कार्बन डाईऑक्साइड का एमिशन कम कर पाएंगे।