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नई-दिल्ली

राज्यसभा में PM मोदी ने नेहरू की चिट्ठी पढ़ कांग्रेस को घेरा, कहा- "बाबा साहब न होते तो... नहीं मिलता आरक्षण"

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार को राज्‍यसभा में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव का जवाब दे रहे हैं। राज्‍यसभा में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मेदी ने कहा कि, "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में भारत की क्षमता, ताकत और उज्ज्वल भविष्य के बारे में बात की।" इसके लिए मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को धन्यवाद देता हूं। इसके साथ पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस कांग्रेस के नेता की कोई गारंटी नहीं, वो मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे है।

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर बोला हमला

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं इस बार भी पूरी तैयारी के साथ आया हूं। कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है। पीएम ने कहा, देश के प्रधानमंत्री की आवाज का गला घोंटने का पुराने सदन में प्रयास किया गया था। मेरी आवाज को आप दबा नहीं सकते हैं। देश की जनता ने इस आवाज को ताकत दी है। इसके साथ पीएम मोदी ने चुटकुले अंदाज में कहा एनडीए को 400 सीटों को आशीर्वाद देने के लिए मैं खरगे का विशेष आभार प्रकट करता हूं। और उनके आशीर्वाद को सिर आंखों पर रखता हूं। मैने उस दिन इन्हें बहुत ध्यान और आनंद से सुन रहा था। लोकसभा में मनोरंजन की जो कमी हमें खल रही थी, वो इन्होंने पूरी कर दी थी।

बाबा साहेब ना होते तो शायद एससी-एसटी को आरक्षण मिलता

राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथो लेते हुए नौकरियों से लेकर हर तरह के आरक्षण पर पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आज की कांग्रेस ही नहीं, बल्कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी आरक्षण के खिलाफ थे। अगर बाबा साहब आंबेडकर नहीं होते तो देश के वंचित वर्गों को यह कांग्रेस कभी आरक्षण नहीं देती। पीएम मोदी ने कहा कि 'बाबा साहेब ना होते तो शायद एससी-एसटी को आरक्षण मिलता या नहीं। मेरे पास इसका प्रमाण है।

पीएम मोदी ने की नेहरू के एक आधिकारिक पत्र पर चर्चा

इसके साथा पीएम मोदी ने पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के एक आधिकारिक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने उस वक्त आधिकारिक तौर पर देशभर के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था। उस पत्र में नेहरू ने लिखा था कि वह व्यक्तिगत तौर पर नौकरियों में किसी भी तरह के आरक्षण के खिलाफ हैं। उन्होंने लिखा मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए।

क्या था पंडित नेहरू के पत्र में?

पीएम मोदी ने कहा कि नेहरूजी ने कहा था, 'मैं भारत को हर मामले में फर्स्ट क्लास देश के तौर पर देखना चाहता हूं। जिस वक्त हम सेकेंड क्लास को प्रोत्साहित करेंगे, उसी वक्त हम हार जाएंगे।' पंडित नेहरू ने कहा था कि पिछड़े समूहों को मदद करने का एकमात्र तरीका यही है कि उन्हें शिक्षा के अच्छे अवसर दिए जाएं। लेकिन यदि हम संप्रदाय और जाति के आधार पर आरक्षण की ओर बढ़ते हैं तो फिर हम काबिल लोगों को खो देंगे और सेकेंड रेट और थर्ड रेट को आगे बढ़ा देंगे।'

कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में लोगों को आरक्षण से वंचित रखा

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर को कांग्रेस ने बीते सात दशकों तक ओबीसी, एसटी और एससी आरक्षण से वहां के लोगों को वंचित रखा था। उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में फॉरेस्ट राइट एक्ट नहीं मिला था। प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की ऐसी हालत कर दी थी कि वहां तमाम लोग सात दशक से रह रहे थे लेकिन उनको डोमिसाइल का अधिकार तक नहीं दिया गया। हमारे एससी समुदाय में सबसे पीड़ित वाल्मीकि समाज रहा, उन परिवारों को भी 7 दशक बाद भी जम्मू-कश्मीर में डोमेसाइल का अधिकार नहीं दिया गया था। हमने 370 हटाकर उन सब लोगों को ये अधिकार दिए।

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