नगर निगम और दिल्ली सरकार दोनों मिलकर लोगों की जेब काट रहीं : अनिल कुमार
नगर निगम और दिल्ली सरकार दोनों मिलकर लोगों की जेब काट रहीं : अनिल कुमार 
दिल्ली

नगर निगम और दिल्ली सरकार दोनों मिलकर लोगों की जेब काट रहीं : अनिल कुमार

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने नगर निगम एवं दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि एक तरफ कोविड महामारी के कारण आर्थिक मंदी झेल रहे दिल्ली वासियों पर भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम ने कई तरह के टैक्सों में बढ़ोत्तरी करके अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली में अरविंद सरकार जो राजनीति करके दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के खिलाफ प्रदर्शन करने का ढोंग रच रही है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार विरोध करने की बजाय बिजली के बिलों पर फिक्स चार्ज का बोझ कम करे तथा डीजल-पेट्रोल पर लिए जाने वाले 30 प्रतिशत वैट को कम करके दिल्ली के लोगों को राहत दें। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम और केजरीवाल सरकार मिलकर लोगों की जेब काट रही हैं। कुमार ने ये बातें बुधवार को प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में संवाददाता सम्मेलन में कही। अनिल कुमार ने कहा कि एसडीएमसी आर्थिक मंदी झेल रहे दिल्ली वासियों को मिलने वाले वेतन और पेशेवर लोगों पर प्रोफेशनल टैक्स लगाकर एक नये टैक्स के बोझ तले लोगों को दबा रही है। उन्होंने कहा कि प्रापर्टी स्थानंतरण ड्यूटी में भी एक प्रतिशत टैक्स की बढ़ोत्तरी की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की बात करते है, वहीं भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम नए टैक्स लगाकर, टैक्स में बढ़ोत्तरी करके आत्मनिर्भरता के मिशन को असफल कर रही है। कुमार ने भाजपा से टैक्सों की वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि निगम द्वारा लगाए टैक्सों को तुरंत प्रभाव से वापस नहीं लिया गया तो कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ दिल्ली भर में आंदोलन चलाएगी। इस दौरान पूर्व मेयर फरहाद सूरी ने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि दिल्ली नगर निगम में सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को बरकरार रखने के लिए लोगों पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ क्यों लादना चाहते है? उन्होंने कहा कि मानसून की पहली बारिश में ही बाढ़ जैसा वातावरण में दिल्ली जलमय हो गई थी, जिससे अंडरपासों में पानी भरने से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। दिल्ली में नालों की गाद की सफाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जब डिसिल्टिंग का काम ही नहीं हुआ तो उसका पैसा कहां गया। हिन्दुस्थान समाचार/ वीरेन्द्र-hindusthansamachar.in