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दिल्ली

दिल्ली हज कमेटी का केजरीवाल सरकार ने किया पुनर्गठन

Raftaar Desk - P2

-कमेटी के चेयरमैन का चुनाव दिल्ली के डिवीजनल कमिश्नर के कार्यालय में जल्द ही संपन्न कराया जाएगा नई दिल्ली, 02 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली से हज करने के लिए सऊदी अरब जाने वाले यात्रियों का प्रबंध करने वाली दिल्ली राज्य हज कमेटी का केजरीवाल सरकार की तरफ से पुनर्गठन कर दिया गया है। इस कमेटी का पुनर्गठन पिछले दो सालों से अधर में लटका हुआ था। इसके लिए मुस्लिम संगठनों की तरफ से दिल्ली सरकार पर दबाव बनाया जा रहा था। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की तरफ से गजट की गई इस कमेटी के सदस्य के तौर पर विधायक कोटे से अब्दुल रहमान व हाजी मोहम्मद यूनुस को स्थान मिला है जबकि नगर निगम पार्षद के तौर पर अब्दुल वाजिद ख़ान को सदस्य बनाया गया है। मुस्लिम विद्वान के तौर पर सैयद शादाब हुसैन रिजवी और मुस्लिम संगठन के कोटे से मुख्तार अहमद को सदस्य बनाया गया है। सांसद कोटे से राज्य सभा सदस्य संजय सिंह को सदस्य मनोनीत किया गया है जबकि सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कमेटी के कार्यकारी अधिकारी जावेद आलम खान को सदस्य बनाया गया है। दिल्ली राज्य हज कमेटी के चेयरमैन का चुनाव दिल्ली के डिवीजनल कमिश्नर के कार्यालय के जरिए जल्द ही संपन्न कराया जाएगा और इसके लिए जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। अधिसूचना जारी होने के बाद राजस्व विभाग में सभी नवनियुक्त सदस्यों की एक बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में उपस्थित सभी सदस्य सर्वसम्मति से कमेटी के चेयरमैन का चुनाव करेंगे। उसके बाद दिल्ली राज्य हज कमेटी के चेयरमैन का ऐलान विधिवत तौर से कर दिया जाएगा। बताया जाता है कि हज कमेटी के नए सदस्यों के नामों को लेकर पार्टी हाईकमान ने खासी माथापच्ची की है। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि चौहान बांगर उपचुनाव में हुई हार से आला कमान नाराज़ हैं जिसकी वजह से अब्दुल रहमान के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं हाजी युनूस को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है। अब यह बड़ा सवाल बना हुआ है कि क्या बाकी सदस्यों में से किसी एक को चेयरमैन के रूप में चुना जा सकता है? हालांकि इस बात की पूरी संभावना है कि कमेटी का चेयरमैन किसी विधायक को ही बनाया जाएगा। इस स्थिति में अब्दुल रहमान को न चाहते हुए भी यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है क्योंकि उनके पास फिलहाल कोई सरकारी पद नहीं है। हाजी मोहम्मद यूनुस के पास फिलहाल दो सरकारी पद पहले से मौजूद हैं। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस