दिल्ली एक्टिव केस के मामले में डेढ़ महीने पहले दूसरे नंबर पर थी, अब दसवें पर : सत्येंद्र जैन
दिल्ली एक्टिव केस के मामले में डेढ़ महीने पहले दूसरे नंबर पर थी, अब दसवें पर : सत्येंद्र जैन 
दिल्ली

दिल्ली एक्टिव केस के मामले में डेढ़ महीने पहले दूसरे नंबर पर थी, अब दसवें पर : सत्येंद्र जैन

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 28 जुलाई (हि. स.)। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कोरोना वायरस संक्रमण के घटते मामलों पर कहा कि दिल्ली एक्टिव केस के मामले में डेढ़ महीने पहले दूसरे नंबर पर थी, अब दसवें नंबर पर आ चुकी है। हॉस्पिटल में केवल 18 प्रतिशत बेड पर ही मरीज हैं। लेकिन जब तक हर दिन केस 500 से नीचे नहीं आते, तब तक कहना मुश्किल है कि स्थिति ठीक है।'' हर्ड इम्युनिटी पर सत्येंद्र जैन ने कहा, ''हर्ड इम्युनिटी को लेकर साइंटिस्ट अलग-अलग बात कर रहे हैं। किसी का कहना है कि 40 प्रतिशत लोगों के इन्फेक्ट हो जाने पर हर्ड इम्युनिटी होती है, तो किसी का कहना है कि 60-70 प्रतिशत। तो अभी डिस्कशन चल रहा है, इस पर सहमति नहीं है। हम फिर से सीरो सर्वे करा रहे हैं, देखते हैं कि अब यह 40 प्रतिशत तक पहुंचा या नहीं। 1 अगस्त से हम दोबारा सीरो सर्वे करा रहे हैं।'' टेस्टिंग को लेकर हाई-कोर्ट की टिप्पणी पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ''हमारे पास 2 तरीके होते हैं या तो आरटी-पीसीआर करें, या एंटीजन। हम चाहते हैं कि पहले रैपिड टेस्ट कर लें, अगर उनमें से लक्षण वाला कोई पॉजिटिव नहीं आता है, तो उसका आरटी-पीसीआर करते हैं। यह केंद्र सरकार का प्रोटोकॉल है। अगर रैपिड टेस्ट में कोई पॉजिटिव आता है, तो उसको दोबारा टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं होती है। दोनों में कोई अंतर नहीं है, हालांकि आरटी-पीसीआर ज्यादा स्पेसिफिक माना जाता है। सबसे बड़ी बात है कि अस्पतालों में अब एडमिशन कम हो रहे हैं और अभी आपको एक आदमी नहीं मिलेगा जो कहे कि वो टेस्ट कराना चाह रहा था, लेकिन नहीं हो रहा है।' खाली पड़े कोविड सेंटर्स पर सत्येंद्र जैन बोले, ''दिन-ब-दिन हॉस्पिटल में एडमिशन कम हो रहे हैं। उस हिसाब से रणनीति बनाई जा रही है. लेकिन थोड़े दिन के लिए हम स्थिति देख रहे हैं।'' वहीं, वकीलों की नियुक्ति विवाद पर उन्होंने कहा, ''सरकार ने तो नियुक्ति कर दी थी। उसमें एलजी साहब को ऑब्जेक्शन था। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त करने का अधिकार दिल्ली सरकार का है। यह एलजी भी मानते हैं। लेकिन एलजी इसमें अपना अलग मत दे सकते हैं और राष्ट्रपति को फाइल भेज सकते हैं। दिल्ली के सभी कोर्ट्स के अंदर पैनल है, पहले से बना हुआ। लेकिन मामला यह है कि अब दिल्ली पुलिस को कुछ खास लोग चाहिए। इसपर कैबिनेट में चर्चा होगी।' हिन्दुस्थान समाचार /प्रतीक खरे-hindusthansamachar.in