अध्यादेश को लेकर CM केजरीवाल को मिला KCR का साथ
अध्यादेश को लेकर CM केजरीवाल को मिला KCR का साथ 
दिल्ली

Delhi Ordinance: अध्यादेश को लेकर CM केजरीवाल को मिला KCR का साथ, कहा- आपातकाल से भी बदतर स्थिति

नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। केंद्र सरकार के अध्यादेश लाने के बाद से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की जुगत में लगे हुए हैं। अभी हाल में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकारियों के टांसफर और पोस्टिंग का अधिकार दिया था। इसी बीच सीएम केजरीवाल तेलंगाना के सीएम केसीआर से मिले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अध्यादेश वापस लेने मांग की। साथ कहा कि अध्यादेश ना पीएम मोदी के लिए अच्छा है ना लोकतंत्र के लिए बेहतर है। मौजूदा वक्त आपातकाल से भी बदतर है।

तेलंगाना के सीएम से की मुलाकात

केंद्र सरकार के अध्यादेश जारी करने के बाद से दोनों सरकारें आमने सामने हैं। सीएम केजरीवाल ने कई बार पीएम मोदी से अध्यादेश को ये कहते हुए है वापस लेने की मांग की ये दिल्ली वालों के साथ भद्दा मजाक है। सरकार को इस अध्यादेश को वापस लेना चाहिए। इतना ही नहीं केजरीवाल राज्यसभा में इस अध्यादेश पास ना होने देने के लिए विपक्षी पार्टियों से सर्मथन मांग रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव से मुलाकात की।

केसीर ने कहा- मौजूद वक्त आपातकाल से भी बदतर

तेलंगाना के सीएम केसीआर ने केजरीवाल का समर्थन करते हुए कहा कि पीएम मोदी को ये अध्यादेश वापस लेना चाहिए, हम इसकी मांग करते हैं। ये अध्यादेश ना पीएम मोदी के लिए अच्छा है ना लोकतंत्र के लिए बेहतर है। मौजूद वक्त आपातकाल से भी बदतर है।

के. चंद्रशेखर राव सरकार दिल्ली के लोगों के साथ

सीएम केजरीवाल ने केसीआर से मुलाकात के बाद बताया कि दिल्ली के लोगों को न्याय दिलाने के लिए तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव और उनकी पूरी सरकार दिल्ली के लोगों के साथ है। जो अध्यादेश पारित किया गया है वो देश के जनतंत्र और संविधान के खिलाफ है। उनके समर्थन से हमें काफी ताकत मिली है।

केजरीवाल ने कांग्रेस समर्थन की मांग

इसके अलावा सीएम केजरीवाल ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस से भी समर्थन की मांग की। इसकी जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले में हम अपनी पार्टी के साथ चर्चा करने के बाद फैसला करेंगे। हमारी पूर्ण इच्छा नरेंद्र मोदी सरकार के तानाशाही रवैये का विरोध करना है।