नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) राजद्रोह कानून के तहत प्राथमिकियां दर्ज करने, चल रही जांच और अन्य कार्यवाहियों पर रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर सभी की नजरें इस ब्रिटिश कालीन कानून के तहत दर्ज कुछ बड़े मामलों के भविष्य पर टिकी हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो क्लिक »-www.ibc24.in