औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 21 अप्रैल (भाषा) पांच भाषाओं और 11 लिपियों में लिखी गई 3,414 दुर्लभ पांडुलिपियां शहर के एक विश्वविद्यालय में संरक्षण की प्रतीक्षा कर रही हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि ये पांडुलिपियां आठ लाख से ज्यादा पृष्ठों की हैं। उन्होंने कहा कि ये पांडुलिपियां डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर क्लिक »-www.ibc24.in