सहरसा में वैश्य समाज ने मनायी वाजपेयी की 97वीं जयंती
सहरसा में वैश्य समाज ने मनायी वाजपेयी की 97वीं जयंती 
बिहार

सहरसा में वैश्य समाज ने मनायी वाजपेयी की 97वीं जयंती

Raftaar Desk - P2

सहरसा,25 दिसम्बर(हि.स.)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न' अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती के अवसर पर वैश्य समाज सहरसा के जिला अध्यक्ष मोहन प्रसाद साह के नेतृत्व मे मीर टोला स्थित कार्यालय में शुक्रवार को वाजपेयी के चित्र पर पुष्पांजलि कर उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर वैश्य समाज के जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद साह ने अपनी श्रद्धा सुमन व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी राष्ट्रवादी सोच, बेदाग छवि और राष्ट्र समर्पित जीवन से भारतीय राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ी। विचारधारा और सिद्धांतों पर आधारित अटल जी के जीवन में सत्ता का मोह तनिक मात्र भी नहीं रहा। उनके नेतृत्व में देश ने सुशासन को चरितार्थ होते देखा। वैश्य समाज सहरसा के कार्यकारी जिलाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार देव ने अटल जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि करते हुए कहा कि वर्ष 1998 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था। अचानक किए गए इन परमाणु परीक्षणों से अमेरिका, पाकिस्तान समेत कई देश दंग रह गए थे। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की अगुआई में यह मिशन कुछ इस तरह से अंजाम दिया गया कि अमेरिका समेत पूरी दुनिया को इसकी भनक तक नहीं लगी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए भारत पर नजर रखे हुए थी और उसने पोखरण पर निगरानी रखने के लिए चार सैटलाइट लगाए थे। हालांकि भारत ने सीआईए और उसके सैटलाइटों को चकमा देते हुए परमाणु परीक्षण कर दिया। संचालन कर रहे वैश्य समाज के प्रवक्ता राजीव रंजन साह ने अटल जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान हुए करगिल युद्ध में भारत ने विजय हासिल की और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत झुकने वालों में से नहीं है। अटल सरकार ने करगिल शहीदों के लिए मुआवजे की घोषणा के साथ ही शहीद सैनिकों के अंतिम संस्कार को सार्वजनिक तौर पर करने का फैसला लिया। इन चीजों का अंतरराष्ट्रीय दबाव बना। वाजपेयी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में उनकी महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को सबसे ऊपर रखा जाता है। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने चेन्नैई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवे नेटवर्क से कनेक्ट किया। जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए गांवों को पक्की सड़कों के जरिए शहरों से जोड़ा गया। ये योजनाएं सफल रही और देश के आर्थिक विकास में मदद मिली। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/हिमांशु शेखर-hindusthansamachar.in