खगड़िया, 17 अगस्त (हि.स.)। बूढ़ी गंडक नदी के दायां तटबंध के टूटने की आशंका से खगड़िया जिला मुख्यालय के लोग खौफजदा हो गये हैं। सोमवार को तटबंध में भीषण कटाव का वीडियो वायरल होते ही सदर प्रखंड खगड़िया और अलौली प्रखंड के लोगों के बीच अफरा-तफरी फैल गई। हालांकि तटबंध का कटाव स्थल बेगूसराय जिले के बखरी प्रखंड अंतर्गत आता है जहां से खगड़िया जिले की सीमा 1 किलोमीटर के दायरे में ही है। डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया कि खगड़िया जिले की बहुरा पंचायत के पश्चिमी छोर पर स्थित कटाव स्थल के संबंध में बेगूसराय के जिलाधिकारी अवगत हैं फिर भी बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या 1 खगड़िया के कार्यपालक अभियंता को तटबंध के सुरक्षात्मक कार्य में सहयोग के लिए भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही बूढ़ी गंडक नदी के बायां तटबंध में जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर भीषण कटा हुआ था जिसमें तटबंध का लगभग 80 फ़ीसदी हिस्सा कट गया था जिसे जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अभियंताओं ने कड़ी मेहनत के बाद बचा लिया लेकिन इस बार कटाव स्थल के पड़ोसी जिला में होने के कारण लोगों को या भय सता रहा है कि बेगूसराय जिला प्रशासन इस मामले को उतनी गंभीरता से शायद ही ले क्योंकि यदि बांध टूटता है तो बेगूसराय जिले की नाम मात्र की आबादी ही उससे प्रभावित होगी लेकिन खगड़िया जिला सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। खगड़िया के 2 प्रखंडों के साथ-साथ जिला मुख्यालय भी बाढ़ की विभीषिका को झेलने के लिए विवश होगा। इस बीच जल संसाधन विभाग द्वारा जारी सूचना के मुताबिक बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 0.41 मीटर ऊपर है और जलस्तर में वृद्धि का संकेत है। इसी तरह बागमती नदी खतरे के निशान से 2.58 ऊपर है, जबकि कोसी नदी खतरे के निशान से 1.77 मीटर ऊपर बह रही है। इन सभी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 0.15 मीटर नीचे दर्ज किया गया है। खगड़िया जिले के सभी सात अंचलों के में लगभग 39 पंचायतों के 124 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। इन गांवों में लगभग डेढ़ लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। यदि बूढ़ी गंडक का तटबंध टूटता है तो यह आंकड़ा सीधे तीन गुना हो जाएगा। डीएम आलोक रंजन घोष ने लोगों से शांतिपूर्वक धैर्य बनाए रखने का आग्रह किया है। हिन्दुस्थान समाचार /अजिताभ/हिमांशु शेखर/विभाकर-hindusthansamachar.in