नयी शिक्षा नीति पूर्णतः अलोकतांत्रिक : एसएफआई
नयी शिक्षा नीति पूर्णतः अलोकतांत्रिक : एसएफआई 
बिहार

नयी शिक्षा नीति पूर्णतः अलोकतांत्रिक : एसएफआई

Raftaar Desk - P2

दरभंगा, 1 अगस्त (हि.स.)। एसएफआई राज्य महासचिव मुकुल राज ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि शिक्षा का विषय राज्य सरकार के अधीन रहा है जिसे आपातकाल के दौरान समवर्ती सूची में डाला गया और अब मोदी सरकार ने इसे 'नई शिक्षा नीति 2020' के द्वारा पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन बना दिया है। उन्होंने शनिवार को जारी विज्ञप्त्ति मेें कहा कि शिक्षा नीति भारत के संघीय ढाँचे पर हमला है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को खत्म कर हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी के जरिए वित्तीय सहायता का एक मात्र अर्थ है-अनुदान के बदले कर्ज। अनुदान लौटाया नहीं जाता, परंतु कर्ज सूद समेत लौटाना पड़ता है। इसका अर्थ है, छात्रों की फीस में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। राष्ट्रीय शिक्षा आयोग के गठन का मतलब है-शिक्षा का केन्द्रीयकरण। इसमें शिक्षाविदों की संख्या नाममात्र है। कुल मिलाकर राजनेता एवं नौकरशाह कॉरपोरेट घरानों के साथ मिलकर शिक्षा की दिशा तय करेंगे, शिक्षाविद नहीं। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि सरकार अविलंब इस फैसले को वापस ले और सदन में बहस के बाद ही इसे लागू किया जाए। अन्यथा एस एफ आई पूरे देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी। हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/विभाकर-hindusthansamachar.in