जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए जल-जीवन-हरियाली मिशन महत्वपूर्ण कार्यक्रमः नीरज
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए जल-जीवन-हरियाली मिशन महत्वपूर्ण कार्यक्रमः नीरज 
बिहार

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए जल-जीवन-हरियाली मिशन महत्वपूर्ण कार्यक्रमः नीरज

Raftaar Desk - P2

क्लाइमेट सोल्यूशंस को मुख्य चुनाव मुद्दा बनाने की राजनीतिक दलों से अपील सिविल सोसाइटी संगठनों ने की जलवायु घोषणापत्र के निर्माण के लिए बैठक पटना, 18 सितम्बर (हि.स.)। बिहार के सिविल सोसाइटी संगठनों तथा सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड ) ने शुक्रवार को पटना में प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श बैठक की। इसमें बिहार में जलवायु परिवर्तन के परिणामों को गंभीरता से लेने तथा आगामी चुनाव में इसके समाधान के लिए संकल्प लेने की अपील की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में 'जलवायु घोषणापत्र' (क्लाइमेट मैनिफेस्टो) के निर्माण में सबके सुझाव और विचार लेना था और क्लाइमेट सोल्यूशंस जैसे विकेन्द्रीकृत अक्षय ऊर्जा, क्लीन एयर फ्रेमवर्क और क्लाइमेट चेंज को कम करने के उपायों पर राजनीतिक सहमति बनाना था। इस मौके पर सूचना एवं जन संपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि बिहार सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए कई कदम उठाये हैं। इस संदर्भ में जल-जीवन-हरियाली मिशन एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। जदयू निश्चित तौर पर चुनाव में जलवायु समाधान को चुनावी एजेंडा बनाएगा और इसी अनुरूप अपने घोषणापत्र में क्लाइमेट सोल्यूशंस को महत्वपूर्ण जगह देगा। भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा कि भाजपा जलवायु संकट को गंभीरता से ले रही है। हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारी पार्टी के घोषणापत्र में क्लाइमेट समाधानों को प्रमुखता से जगह मिले, ताकि बिहार सतत विकास के रास्ते पर अग्रसर हो। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में कृषि समस्या के निदान के लिए क्लाइमेट समाधानों की जरूरत है। हम निश्चय ही इसे चुनाव का मुख्य मुद्दा बनाएंगे। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता डॉ. हरखू झा ने कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि जलवायु परिवर्तन का असर व्यापक है और ग्रामीण क्षेत्र के गरीब लोग इससे सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं। इस चुनाव में हम क्लाइमेट सोल्यूशंस को अपने घोषणापत्र में शामिल करने का प्रयास करेंगे। जन अधिकार पार्टी के प्रवक्ता अवधेश लालू ने भी क्लाइमेट सोल्यूशंस को समर्थन दिया और डीआरई समाधानों को व्यापक पैमाने पर अपनाने पर बल दिया। इस मौके पर रमापति कुमार, सीईओ, सीड ने कहा कि बिहार गंभीर जलवायु संकट से जूझ रहा है। इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील है कि वे इस चुनौती की गंभीरता को समझें और क्लाइमेट चेंज के दुष्प्रभावों को ख़त्म करने के लिए ठोस कदम उठाएं। इस अवसर पर ‘किसान चाची’ राजकुमारी देवी ने कहा कि बिहार के लोग अप्रत्याशित मौसम बदलाव के कारण पैदा संकट से आजीविका खो रहे हैं। जलवायु परिवर्तन से मानव अस्तित्व की गंभीर चुनौती पैदा हो गयी है। विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल अपने वैचारिक मतभेदों को भूल कर क्लाइमेट सॉल्यूशन पर आम राजनीतिक सहमति बनाएंगे और इसे आगामी चुनाव का सबसे प्रमुख मुद्दा बनाएंगे। बैठक में बैठक में राज्य के प्रमुख दलों जदयू, भाजपा, कांग्रेस, राजद, और जन अधिकार पार्टी के प्रवक्ताओं के साथ ही कई पर्यावरणविद, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राम लाल खेतान, डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव, गोपाल कृष्ण, डॉ. अरुण कुमार, अंकिता सिंह, देवोप्रिया दत्ता, विवेक तेजस्वी, डॉ. बीके दास, डॉ. बीके सिंह, अमरनाथ तिवारी, विनोद अनुपम, पुष्यमित्र, रश्मि वात्स्यायन, अनूप अग्रवाल सहित कई लोगों ने भाग लिया। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/विभाकर-hindusthansamachar.in