अपने एमएलसी को खोने के बाद सक्रिय हुआ भाजपा नेतृत्व
अपने एमएलसी को खोने के बाद सक्रिय हुआ भाजपा नेतृत्व 
बिहार

अपने एमएलसी को खोने के बाद सक्रिय हुआ भाजपा नेतृत्व

Raftaar Desk - P2

प्रदेश अध्यक्ष की पहल के बाद मरीजों का हालचाल लेने निकले स्वास्थ्य मंत्री संक्रमण मुक्त होते ही बेतिया में जीएमसी के आइसोलेशन वार्ड पहुंचे डॉ. संजय जायसवाल पटना, 23 जुलाई (हि.स.) । कोरोना संक्रमण की महामारी से जूझते बिहार की तस्वीर बदलने लगा है। पहली बार सत्ताधारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तक कोरोना मरीजों का हाल-चाल जान रहे हैं। भाजपा नेताओं का अचानक हरकत में आना यह बता रहा है कि अपनी ही पार्टी के विधान पार्षद की मौत के बाद पार्टी नेताओं के होश उड़े हुए हैं। खुद कोरोना संक्रमण से ठीक होकर वापस लौटे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने गुरुवार को पहला कदम उठाते हुए बेतिया स्थिति जीएमसी के आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। पीपीई किट पहनकर डॉ. संजय जायसवाल कोरोना वार्ड में जा पहुंचे और मरीजों का हालचाल जाना। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इसकी जानकारी अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी है। संजय जायसवाल खुद एक चिकित्सक हैं और कोरोनाकाल में उन्होंने इसके पहले भी मरीजों का इलाज किया है लेकिन कोरोना मरीजों के साथ मुलाकात और उनका हालचाल जानने का उनके लिए यह पहला अनुभव था। संजय जायसवाल पिछले दिनों पटना एम्स में भर्ती थे, जहां उनका इलाज किया गया। कोरोना निगेटिव होकर निकले तो पार्टी के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े और इसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उन्होंने कोरोना को लेकर योद्धा की तरह लड़ने की बात कही। तब संजय जायसवाल ने जो कुछ कहा था उनका संकेत पार्टी के ज्यादातर नेता नहीं समझ पाए थे लेकिन अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने खुद कोरोना वार्ड का निरीक्षण कर मरीजों से मुलाकात करके एक मिसाल पेश की है। बिहार में किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी नेता डॉ. संजय जायसवाल से पहले कोरोना मरीजों का हालचाल जानने कोविड वार्ड में नहीं पहुंचा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जायसवाल ने जो कदम कोरोना के खिलाफ उठाया है, वह उनके चिकित्सक होने के कर्तव्य को भी दिखाता है। साथ ही साथ सरकार में शामिल एक सत्ताधारी दल के प्रदेश नेतृत्व के तौर पर संजय जायसवाल ने मिसाल पेश की है। डॉ. जयसवाल ने बेतिया में कोविड-19 अस्पताल का जैसे ही निरीक्षण किया, उसके थोड़ी देर बाद ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पटना के एनएमसीएच पहुंच गए। उन्होंने भी वहां कोरोना मरीजों का हालचाल जाना। अब सरकार से लेकर पार्टी के गलियारे तक में इस बात की चर्चा है कि प्रदेश अध्यक्ष के कदम से मंगल बाबू पर दबाव बढ़ गया। प्रदेश अध्यक्ष होते हुए जब संजय जायसवाल कोरोना मरीजों का हाल-चाल लेने जा सकते हैं तो फिर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे क्यों नहीं? शायद इस दबाव की वजह से भी मंगल पांडे एनएमसीएच पहुंच गए। हकीकत चाहे जो भी हो लेकिन अच्छी बात यह है कि अब भाजपा के नेता कोरोना के लेकर एक्टिव हो रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव रंजन /विभाकर-hindusthansamachar.in