बिहार के गया जिले में एक मंदिर है , यहां कई लोग अपना खुद का पिंडदान करने पहुंचते हैं। यहां श्रद्धालु खुद का ही श्राद्ध करते हैं। इस मंदिर की मान्यता हजारों साल पुरानी है।