भागलपुर, 28 फरवरी (हि.स.)। भागलपुर के शाह मार्केट में आयोजित दो दिवसीय सूफी कांफ्रेंस रविवार को शांति और भाईचारे के संदेश के बीच संपन्न हो गया। इस दौरान विभिन्न देश के नामवर दरगाहों और खानकाहों के सज्जादानशीं ने अपने अपने संदेश से शांति और अमन का पैग़ाम दिया। इसके अलावा इस आयोजन के लिए शाह फकरे हसन को मुबारकबाद दी। सूफी कांफ्रेंस के दौरान शाह फकरे हसन को 15वां सज्जादानशीं घोषित किया गया। इसके पूर्व भागलपुर शहर आध्यात्मिक, रूहानियत और सूफ़ियत की सुगंध में सराबोर दिखा। इस अवसर पर मानवता कल्याण बोर्ड के संस्थापक एवं इस्लामिक स्कॉलर सैयद सलमान हुसैनी नदवी ने संबोधन में कहा कि सूफियों का जीवन सदा से प्रेरक और समान के लिए ग्रहण करने वाला रहा है। समाज को वास्तविक रूप में अल्लाह की इबादत में लगे रहने और उसके बंदों की खिदमत करने की प्रेरणा यहां से मिलती है। उन्होंने कहा कि सूफियों ने इस देश को हमेशा प्रेम और सद्भावना की डोर में बांधे रखा है। आज भी इसी पैग़ाम और संदेश को आम करने की ज़रूरत है, जिससे समाज नफरत को छोड़कर प्रेम की डोर में बंध सके। उन्होंने आगे कहा कि आज देश में जिस तरह से नफ़रत का एक माहौल तैयार है, उसमें इस तरह के आयोजनों की आवश्यकता है। इस अवसर पर देश के सबसे बड़े दरगाह यानी दरगाह ग़रीब नवाज अजमेर शरीफ के खादिम सैयद सरबर चिश्ती ने खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह में होने वाले इस सूफी महोत्सव को मौजूदा वक्त की ज़रूरत बताया। उन्होंने कहा कि खानकाहों ने हमेशा प्रेम व सद्भावना का चिराग रौशन किया है। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की मोहब्बत और अकीदत आज भी लोगों के दिलों में है। केन्द्रीय वक्फ बोर्ड काउंसिल के सचिव एस ए एस नकवी ने कहा कि आज कौम को इल्म हासिल करने की ज़रूरत है, ताकि समाज को और बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने सैयद एनायत हुसैन वक्फ 159 को एक्सेलेंट अवार्ड दिए जाने पर मुबारकबाद पेश किया। इस मौके पर अपने अध्यक्षीय भाषण में सय्यद शाह हसन मानी साहब ने रूहानियत और सूफ़ियत पर प्रकाश डालते हुए देश के खानकाहों और दरगाहों की ख़िदमतों से लोगों को रूबरू कराया और उन्होंने दुआएं भी की। इस दो दिवसीय सूफी महोत्सव में रूदौली के सज्जादानशीं सैयद नय्यर ने कहा कि दरगाह हमें प्रेम और भाईचारे का पैगाम देता है। सूफी कांफ्रेंस के समापन पर विभिन्न प्रदेशों से आए अतिथियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा