Thousand liters of liquor is being produced here everyday, supplies are also made in other districts
Thousand liters of liquor is being produced here everyday, supplies are also made in other districts 
बिहार

यहां रोज बन रहा है हजारों लीटर शराब, दूसरे जिलों में भी होती है सप्लाई

Raftaar Desk - P2

बेगूसराय, 09 जनवरी (हि.स.)। बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी को कड़ाई से लागू कराने की लाख कवायद के बावजूद ना केवल गांव-गांव में अंग्रेजी शराब की डिलीवरी हो रही है। बल्कि, बेगूसराय जिला के बखरी, गढ़पुरा, छौड़ाही, खोदवंदपुर, वीरपुर, भगवानपुर, तेघड़ा, बछवाड़ा, बरौनी, मटिहानी, बलिया, डंडारी और साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र में देशी शराब बनाने का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है। यहां रोज हजारों लीटर देशी शराब बनाकर जिला के विभिन्न क्षेत्रों में ही नहीं, दूसरे जिलों में भी भेजा जा रहा है। खासकर काबर और बखरी का इलाका इसका गढ़ माना जाता है। यूरिया, स्प्रिरट, महुआ को सड़ाकर और केमिकल मिलाकर शराब बनाई जा रही है। इसके अलावा कच्चे शराब में स्प्रिरट और यूरिया के अलावा तरह-तरह के केमिकल मिलाकर नशीला बनाकर बेचा जा रहा है। अंग्रेजी शराब से सस्ती होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी शराब की बिक्री भी भरपूर हो रही है। हालांकि शराब कारोबार पर रोक लगाने के लिए पुलिस एक्शन मोड में है तथा रोज अभियान चलाकर अंग्रेजी शराब बरामद करने के साथ-साथ देशी शराब के नेटवर्क को ध्वस्त करने का सिलसिला जारी है। लेकिन, काबर झील और दियारा के साथ पचैैैला चौर, मोइन, सुुनसान बहियार एवं विभिन्न नदियों के भौगोलिक स्थिति के कारण कारोबारी नया-नया पैंतरा अपनाकर धड़ल्ले से मालामाल हो रहे हैं। कुछ इलाके के तो गांंव में भी भट्ठी जलाकर देसी महुआ शराब बनाया जाता है। इस शराब के सेवन से मौतों का बड़ा मामला सामने नहीं आया है, लेकिन बड़े पैमाने पर हो रही बिक्री को देखते हुए इसकी आशंका बनी हुई है। असामयिक मौत पर विभिन्न बीमारी से मरने की बात कही जा रही है, लेकिन इन मौतों का एक कारण देसी-विदेशी शराब भी है। छापामारी के दौरान पुलिस बल और उत्पाद विभाग की बड़ी संख्या में कार्रवाई हुई और भारी मात्रा में शराब बनाने का सामान उपकरण और अवैध शराब पकड़ी तथा नष्ट की जा चुकी है। इसके बाद भी जानलेवा कारोबार को रोका नहीं जा पा रहा है। कारोबार से जुड़े सूत्रों की मानें तो पुलिस को चकमा देने के लिए शराब माफिया सप्लाई करने की विभिन्न तरीके अपना रहे हैं। महिलाओं और बच्चों को नेटवर्क में शामिल कर शराब की सप्लाई की जा रही है। बड़े अधिकारी के दबाव पर अक्सर स्थानीय पुलिस छोटे-मोटे शराब बेचने वाले तथा पीने वाले को पकड़ कर जेल भेज देती है, लेकिन बड़े पैमाने पर शराब माफियाओं कारोबार फल फूल रहा है। इस अवैध कारोबार को रोकना तो दूर गरीब और मजदूरों को इसके मकड़जाल से बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी कहीं नजर नहीं आता है। पुलिस प्रशासन भी इसके विरुद्ध एक्शन मोड में है, मुख्यालय डीएसपी निशित प्रिया ने बताया कि एसपी के निर्देशन में पुलिस शराब कारोबार के विरुद्ध लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले वर्ष 855 एफआईआर दर्ज कर 922 लोगोंं को गिरफ्तार करनेेे के साथ करीब 86 हजार लीटर शराब बरामद किया गया है। किसी भी सोर्स से सूचना मिलतेे ही तुरंत कार्रवाई की जाती है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in