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बिहार

सदर अस्पताल के उपरी मंजिल तक जाने के लिए दिव्यांगों के लिए नहीं है रैंप की सुविधा

Raftaar Desk - P2

गोपालगंज,19 मई (हि.स.)। सदर अस्पताल सहित कई दफ्तर दो से 3 मंजिल पर हैं। ऐसे दफ्तरों में आमजन के साथ ही बुजुर्ग व दिव्यांग भी प्रतिदिन काम के सिलसिले में पहुंचते हैं। दिव्यांगो को ऐसे दफ्तरों में पहुंचने के लिए होने वाले परेशानी को देखते सरकारी दफ्तरों में न रैंप कि व्यवस्था है न लिफ्ट की। ऐसे में वे किसी तरह अपने काम के लिए उपरी मंजिल तक पहुंचते है। कोरोना काल में लगातार मरीजों की संख्या सदर अस्पताल में बझ़ रही है। सदर अस्पताल में दिव्यांगो व बुजुर्ग मरीजों के सुविधा के लिए रैंप की सुविधा नहीं है। ऐसे में दिव्यांग व बुजुर्ग मरीज के परिजन सीढ़ी के रास्ते उपर के मंजिल जाने को मजबूर हैं। जिला अस्पताल जहां बुजुर्ग समेत दिव्यांगों के अलावा अन्य मरीज पहुंचते हैं। फिर भी यहां रैंप नहीं है। यहां पहली मंजिल पर टीबी शाखा, पैथोलॉजी लैब, सर्जिकल वार्ड व फिमेल वार्ड समेत अन्य वार्ड हैं। जहां मरीजों व उनके परिजन को आना-जाना पड़ता है। लेकिन उसमें बुजुर्ग व दिव्यांगों काे चढ़ने में परेशानी होती हैं। नि:शक्तजन कल्याण समिति के आंकड़ा के अनुसार जिले में करीब 1000 हजार दिव्यांग हैं। इसमें से लगभग 700 पंजीकृत हैं। करीब 300 ऐसे दिव्यांग हैं। जो चलने में असमर्थ हैं। ऐसे लोगों को इलाज कराने के लिए ऊपरी मंजिल जाने में दिक्कत होती है। उन्हें सीढ़ी से किसी तरह चढ़कर ऊपर जाना पड़ता है। जिला अस्पताल में भी दिव्यांग व बुजुर्ग मरीजों को ऊपरी तल पर पहुंचने के लिए परेशानी होती है। डीडीसी वीरेन्द्रकुमार ने कहा कि पुराने भवनों में तो रैंप या लिफ्ट नहीं है। लेकिन सरकार का ही स्पष्ट निर्देश है कि अब जहां भी नए भवन बनेगें उसके साथ ही उसमें उपर तक रैंप बनाना है। हिन्दूस्थान समाचार/अखिला