Seeing the child's animal fascination, everyone said "Children are true to mind"
Seeing the child's animal fascination, everyone said "Children are true to mind" 
बिहार

बच्चे के पशु मोह को देखकर सभी ने कहा "बच्चे मन के सच्चे "

Raftaar Desk - P2

पूर्णिया 14 जनवरी (हि. स.)। पूरे रुपौली प्रखंड में मकर-संक्रांति का महापर्व बडे धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर एक बच्चे के निष्काम भाव ने सभी का मन मोह लिया तथा स्वतः लोगों की जुबान से निकला कि बच्चे मन के सच्चे। एक ओर मकर-संक्रांति का महापर्व सभी श्रद्धालु अपने-अपने घरों में मना रहे थे, तो दूसरी ओर तेलडीहा गांव में एक बच्चे का रूप देखकर बरबस लोगों के मुंह से निकल गया, वास्तव में बच्चे मन के सच्चे होते हैं। उन्हें कहीं किसी से भेदभाव करना नहीं आता, यहां तक कि वे जानवरों को भी अपना ही समझते हैं तथा प्यार देते हैं। हुआ ऐसा था कि सुरेश यादव का तीन वर्षीय पुत्र मुन्ना ने अलाव के सामने बकरी के बच्चे को गोद में ले रखा था। बकरी का बच्चा काफी कांप रहा था। मुन्ना हाथो में मुढी का लाई पकडे खा भी रहा था तथा बकरी के बच्चे को गर्माहट भी देने की कोशिश कर रहा था। वह तोतली भाषा में बोल भी रहा था कि बकरी का बच्चा ठंड से कांप रहा था, इसलिए इसे घुर (अलाव) के पास रखे हुए है। इस दृश्य ने सबका मन मोह लिया तथा सभी ने कहा कि वास्तव में बच्चे मन के सच्चे होते हैं। हिन्दुस्थान सामाचार /नन्दकिशोर-hindusthansamachar.in