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बिहार

आरटीआई एक्टिविस्ट ने लिखा, घुट कर मरने से अच्छा है कोरोना से मरना

Raftaar Desk - P2

बेगूसराय, 22 अप्रैल (हि.स.)। बिहार के चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट (सूचना का अधिकार कार्यकर्ता) गिरीश प्रसाद गुप्ता ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए पत्र लिखकर कोरोना का वैक्सीन लेने से इंकार किया हैै। उन्होंने निबंधित डाक से भेजे गए पत्र में कहा है कि इस प्रशासनिक व्यवस्था में जब घुट-घुटकर मर ही रहे हैं तो इससे बेहतर है कोरोना का टीका नहीं लेकर संक्रमण से मर जाना और इसके लिए सरकार, प्रशासन तथा व्यवस्था जिम्मेदार होगी। गिरीश प्रसाद गुप्ता ने अपने पत्र में कहा है कि 15 अप्रैल 2020 को लॉकडाउन की आड़ में तेघड़ा के तत्कालीन एसडीओ एवं डीएसपी की उपस्थिति में प्रशासन उन्हें घर से बलपूर्वक उठाकर ले गई। फुलवड़िया थाना मेें बंंद कर जमकर पिटाई की गई। सादा कागज पर जबरन हस्ताक्षर करवाया गया। काफी प्रयास के बाद थाना से मुक्त किया गया, पिटाई करने के साथ ही मेरे ऊपर एफआईआर भी दर्ज कराया गया। इसकी शिकायत हमने एसपी से लेकर महामहिम राष्ट्रपति तक चार बार कियाा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। मेरे द्वारा विभिन्न घोटालों को आरटीआई के माध्यम से उजागर करने के कारण लॉकडाउन की आड़ में मेरी हत्या की साजिश रची गई लेकिन कई आवेदन के बावजूद आज तक मामले में अग्रेतर कार्रवाई के बदले प्रशासन घटना की लीपापोती करने में जुटी हुई हैै। जिला की पुलिस ही नहीं पुलिस मुख्यालय भी आवेदन और कार्रवाई आदेशों को ठंडे बस्ते में डालकर चैन की नींद सो रही है। लॉकडाउन के दौरान सरकार बुजुर्गों से घर में रहने सुरक्षित रहने की अपील कर रही थी। लेकिन मुझ जैसे 74-75 वर्षीय किडनी की बीमारी से ग्रसित वृद्ध को सोए हालत में उठाकर ले जाया जाता हैै। पुलिस प्रशासन को प्राप्त सीसीटीवी कैमरा से स्पष्ट हो रहा है कि मेरे साथ कितनी बेरहम कार्रवाई की गई लेकिन कोई न्याय नहीं दे रहा है, अधिकारी सुशासन को तार-तार कर रहे हैं। तमाम साक्ष्यों के बावजूद किसी भी दोषी अधिकारी पर इस राक्षसी व्यवस्था में कार्यवाही नहीं हो रही है। जिसके कारण मुझे जब घुट-घुट कर मरना ही है तो कोरोना का वैक्सीन क्यों लूूं। मेरे पास न्याय पाने के लिए विरोध दर्ज कराने का अब कोई तरीका नहीं है। इसलिए मैं और मेरी पत्नी वैक्सीन नहीं लेंगे, वैक्सीन नहीं लेने के कारण अगर मेरी मौत हो जाती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और जिला प्रशासन की होगी। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय के बरौनी निवासी गिरीश प्रसाद गुप्ता बिहार के जाने माने आरटीआई एक्टिविस्ट हैं। उन्होंने अब तक पांच हजार से अधिक सूचना मांग कर विभिन्न स्तर के अधिकारियों और कॉरपोरेट हाउस को जुर्माना लगवाया है। जिसके कारण आए दिन इन पर अप्रत्यक्ष तरीके से हमले होते रहते हैंं। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान इनकी जब जबरदस्त पिटाई हुई थी तो मामले ने काफी तूल पकड़ लिया, लेकिन कागजों में ही दबा रहा गया। जिसके कारण अब गिरीश प्रसाद गुप्ता ने देश के सर्वोच्च पद धारक राष्ट्रपति को पत्र भेजकर वैक्सीन का विरोध अपना विरोध दर्ज कराया है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा