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बिहार

सादियों के सीजन में भारत नेपाल सीमा के साथ रिश्ते भी सील

Raftaar Desk - P2

निर्मली,15 मई (हि. स.)।कोरोना संकट को लेकर लगभग एक वर्ष से भारत-नेपाल बॉर्डर सील है जिससे दोनों देश के बीच कायम बेटी-रोटी के संबंध में खटास उत्पन्न हो रही है। साथ ही बॉर्डर सील रहने के कारण दोनों देश के बीच विवाह संबंधों में भी कठिनाई हो रही है। बॉर्डर से वाहन प्रवेश की अनुमति मिलने की स्थिति में दूल्हा-दुल्हन पैदल इंडो -नेपाल के बॉर्डर क्रॉस कर ससुराल जाने को विवश हैं। शनिवार को इंडो -नेपाल के कुनौली भंसार के पाया किनारे पर कुछ इसी प्रकार का दृश्य देखने को मिला। शांति वन जाने वाले रास्ते के चेक पोस्ट पर लड़का और लड़की दोनों पक्षो के लोग ड्यूटी पर तैनात जवान से कह रहे थे कि शुक्रवार शाम में शादी करने सप्तरी जिला के रूपणी बाजार गए हुए थे । शाम में भारतीय वाहनों को नेपाली भाग में नही प्रवेश करने दिया। सभी लोग पैदल सीमा पार गए । वधू पक्ष से नेपाल साइड में वाहन का व्यवस्था था । शुक्रवार को शादी करके लौटे हैं कन्या साथ मे हैं भारतीय गाड़ी को नो मेंस लैंड तक लेकर जाने की अनुमति मांग रहे थे। एसएसबी ने नियम के विरुद्ध जाने से मना कर दिया। लड़का को लड़की लेकर इंडो नेपाल की सीमा खारों नदी होकर पैदल ही भारतीय भाग में आना पड़ा। नेपाल सरकार की मनमानी हरकत से शादियों के सीजन इंडो नेपाल के रिश्ते भी सील हो गए । लोगों ने बताया कि जहां शादी में दूल्हा-दुल्हन फूलों से सजी गाड़ी पर बैठकर ससुराल जाते हैं। वहीं सीमावर्ती क्षेत्र के वर-वधु का दुर्भाग्य ही है कि बेटी रोटी की संबंध रखने वाली देश नेपाल से पैदल बॉर्डर पार कर आवाजही करनी पड़ रही है। मधुबनी जिला के मधेपुर बाजार के निवासी धर्मजीत कुमार नेपाल के सप्तरी के सीतापुर निवासी दुल्हन के भाई दिप राज ने बताया कि लाख आरजू मिन्नत के बाद भी दूल्हा की गाड़ी की बॉर्डर से प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। बाराती व दूल्हा को मायूस होकर लौटना पड़ा। इसके बाद पैदल शांतिवन के रास्ते सीमा पार कर सीतापुर के लिये दूल्हा एवं बरातियों के लिये अतिरिक्त खर्च पर चार -पांच स्कॉर्पियो की व्यवस्था करके दुल्हन के दरवाजे पर पहुंच कर तब शादी की रस्म अदायगी हुई। इन सीमा होकर इस महीने के शुभ लग्न में तीन दर्जन से अधिक दूल्हा-दुल्हन को पैदल सीमा पर कर अपने अपने ससुराल जाने पर विवश होना पड़ा । हर साल लग्न में सीमा पार शादियां होती रही हैं। लेकिन इस साल कोरोना ने दोनों देशों के नए रिश्ते पर ग्रहण लगा दिया हैं। बहुत ऐसी शादी -विवाह हैं जो अभी अटका हुआ हैं और सीमा खुलने का इंतजार कर रहा हैं। हिन्दुस्थान समाचार /सुनील