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बिहार

आदर्श आचार्य ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर सकता है : प्रदीप कुशवाहा

Raftaar Desk - P2

भागलपुर, 25 मार्च (हि.स.)। भागलपुर के नरगाकोठी स्थित गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर एवं पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण में गुरुवार को तीन-दिवसीय आचार्य कार्यशाला आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद भारती शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने कहा कि आदर्श आचार्य ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर सकता है। प्रत्येक वर्ष कार्यशाला में योजना बनाते हैं उसे पूर्ण रूपेण लागू कर पाते हैं या नहीं इसका स्वयं एक बार चिंतन करना है। अगर करते हैं तो साधुवाद अन्यथा उसे पूर्ण करने का भी संकल्प आज के कार्यशाला में करेंगे। विद्या भारती का कार्य लक्ष्य एवं प्लानिंग कर पूर्ण करना है। विद्या भारती का कार्य आपको मिला है। यह ईश्वरीय कार्य है। आप इस ईश्वरीय कार्य में लगे हैं। यह आपका सौभाग्य है। विद्या भारती का लक्ष्य है भैया बहनों का सर्वांगीण विकास कर राष्ट्र को परम वैभव पर पहुंचाना। रामजी प्रसाद सिन्हा ने कहा कि प्लानिंग मैनेजमेंट का पहला वर्क है। वर्ष भर क्या करने वाले हैं उसके अनुसार नियोजन करना। अपना काम शिक्षण एवं सह शिक्षण के साथ-साथ संगठन का है। प्लानिंग अच्छे करने से परिणाम अच्छा होता है। इसलिए छोटे से छोटे बिंदु पर विचार कर प्लानिंग करना इस आचार्य कार्यशाला का उद्देश्य है। विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के पूर्व क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा ने कहा कि सिर्फ इच्छा करने से कार्य की सिद्धि नहीं होती है। इसके लिए कार्य करना पडता है। बच्चे, समाज और अभिभावक की आवश्यकता है। विषयों के ज्ञान के साथ साथ अन्य कुशलता इसलिए आवश्यकता आधारित विद्यालय समय की मांग है। विषयों का ज्ञान केवल साक्षरता है। तकनीकी, सामाजिक, चिंतन की कुशलता, व्यवहारिक ज्ञान के साथ साथ विषय का ज्ञान हो तभी शिक्षा है। अर्थात बालकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हो, बालकों का समग्र विकास हो, जीवन मूल्य शिक्षा हो। डॉक्टर चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पूर्व सत्र की योजनाओं में हुई कमी को दूर करने के साथ नए सत्र 2021- 22 की शिक्षण प्रणाली में व्यापक सुधार लाना भी शामिल है। हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा