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बिहार

नगर पंचायत के स्वीपरों ने हड़ताल कर किया प्रदर्शन

Raftaar Desk - P2

सहरसा,23 फरवरी(हि.स.)।सहरसा जिले की नगर पंचायत सिमरी बख्तियारपुर के स्वीपरों ने कार्यपालक पदाधिकारी की तानाशाही के विरोध में गत सोमवार से हड़ताल पर चले जाने से सफाई कार्य बिल्कुल ठप पड़ गया है। स्वीपरों ने अपनी मांगों के समर्थन में मंगलवार को प्रखंड कार्यालय व बाजार में कार्यपालक के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। नगर के कुल पंद्रह वार्डों में कचरा जमा हो जाने से बदबू फैलनी शुरू हो गयी है। स्वीपरों का कहना है कि समय पर सरकार द्वारा निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किये जाने पर भारी कठिनाइयों के दौर से गुजरना पर रहा है।वर्तमान में प्रति स्वीपर 259 रुपये का भुगतान किया जाता है। कुल 80 स्वीपरों द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र के कुल 15 वार्डों में सफाई का काम किया जाता है। स्वीपरों का आरोप है कि विभाग द्वारा सफाई सामग्री झाड़ू, कुदाल,गैंता, ग्लोब्स, मास्क,वर्दी आदि नहीं दिये जाते हैं। स्वीपरों को किसी प्रकार का लिखित कागजात या प्रमाणपत्र भी नहीं दिया गया है। अपनी समस्या बताने व कागजात की मांग करने पर कार्यपालक द्वारा नौकरी से हटा देने की धमकी दी जाती है। विरोध करने पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जाता है। स्वीपरों का आरोप है कि कोरोना काल मे जान जोखिम में डाल लगातार कार्य किये जाने के बावजूद कार्यपालक द्वारा इसकी राशि नहीं देकर बंदरबांट कर ली गई है। शाबाशी देने की बजाय डांट-फटकार व गाली-गलौज सुननी पड़ती है। इतना ही नहीं कोरोना काल में दो स्वीपर भोगी मल्लिक व दुलूर देवी की मौत हो जाने के बावजूद सहायता राशि देने की बात तो दूर घड़ियाली आंसू भी बहाने नहीं आये हैं।स्वीपरों का आरोप है कि पीएफ की साढ़े बारह प्रतिशत राशि की कटौती की जाती है जिसका भी आज तक कोई प्रमाण पत्र हमलोगों को नहीं दिया गया है। स्वीपरों की सबसे दुखद स्थिति यह है कि विभाग द्वारा झाड़ू नहीं देने पर स्वीपरों को खुद बाजार से खरीदकर सफाई करनी उनकी मजबूरी है। सभी स्वीपरों ने एक स्वर से सफाई पर सरकार द्वारा खर्च की जानेवाली राशि की जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ सफाई पर खर्च की गई राशि की जांच की जाती है तो एक बड़ा घोटाला उजागर होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी कमलेश कुमार ने कहा कि नगर पंचायत सफाई का जिम्मा नियुक्त एनजीओ का है। सफाई कर्मियों को नगर पंचायत कार्यालय से कोई संबंध नहीं है। अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने से साफ इनकार कर कहा कि सफाई व्यवस्था करने के लिए एनजीओ को बोल दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/हिमांशु शेखर