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बिहार

दलित पढ़े तो नक्सली, मुसलमान पढ़े तो आतंकी, ये नहीं चलेगाः मांझी

Raftaar Desk - P2

पटना 10 जून (हि. स.)। बांका के मदरसे में हुए बम विस्फोट के बाद सियासत तेज हो गई है। भाजपा जहां इस मामले में सख्ती भरा बयान देते हुए मदरसों को आतंक की पाठशाला करार देती है। वहीं जदयू सहित कई सहयोगी दलों ने भाजपा के बयान पर सख्ती से विरोध जताया है। एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझी ने भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के बयान का तीखे शब्दों में विरोध करते हुए ट्वीट किया है। गुरुवार को उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- 'जब भी दलित लोगों के बाल-बच्चे पढ़ाई करते हैं, उसे नक्सली बता दिया जाता है और मुसलमानों के बच्चे मदरसों में पढ़ते हैं तो उसे आतंकवादी कह दिया जाता है। भाई साहब ऐसी मानसिकता से निकलिए। यह राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए सही नहीं है। ऐसी सोच समाज को तोड़ने वाली है। ऐसी बातों का मैं व्यक्तिगत रूप से पुरजोर खंडन करता हूं।' आपको बता दूं कि इसी मसले पर भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मदरसे को आतंकवाद की पढ़ाई का केंद्र बताया था। बचौल ने कहा था कि यहां जिस तरह से बम ब्लास्ट हुआ है वो सवालों के घेरे में है। निश्चित रूप से यहां बड़ी घटना को अंजाम देने की कोशिश हो रही थी। इस बयान से गरमाई बिहार की सियासत में जीतन राम मांझी के बयान के साथ जदयू ने भी विरोध शुरू कर दिया है। जदयू नेता और अल्पसंख्यक मंत्री जमा खान ने विरोध दर्ज कराते हुए यहां तक कह दिया कि भाजपा विधायक को शायद मंदिर और मस्जिद के बारे में पता नहीं इसलिए ऐसे बयान दे रहे हैं। मंदिर में पूजा और मस्जिद में सिर्फ नमाज अता की जाती है। वहीं मांझी के बयान पर अब कांग्रेस ने भी तंज कसते हुए कहा कि जीतन राम मांझी एनडीए के नेता हैं। उन्हें लगता है कि भाजपा के नेता गलतबयानी कर रही हैं तो भाजपा से पूछें, सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए बयान मत दिया करें। अगर मांझी जी को लगता है कि सबकुछ गलत है तो एनडीए से बाहर आना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/ मुरली/चंदा