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बिहार

स्वास्थ्य कार्यक्रमों को संवेदनशीलता से लागू करने पर जोर

Raftaar Desk - P2

बेगूसराय, 23 फरवरी (हि.स.)। जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के जिला टास्क फोर्स की बैठक में स्वास्थ्य संबंधी सभी कार्यक्रमों एवं योजनाओं को संवेदनशीलता से लागू करने पर जोर दिया। साथ ही कार्यक्रम क्रियान्वयन की नियमित अंतराल पर गहन समीक्षा करने और प्रत्येक मंगलवार को प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर होने वाली बैठक को गंभीरता से लेने का भी निर्देश दिया। बैठक के दौरान गर्भवती महिलाओं को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, दवाई वितरण, कन्या उत्थान योजना, अनीमिया मुक्त भारत, प्रतिरक्षण कार्यक्रमों की गहन समीक्षा के साथ आयुष्मान पखवाड़ा के दौरान की गई कार्रवाई, टेली-मेडिसीन सुविधा आदि की भी समीक्षा हुई। इस दौरान डीएम ने गर्भवती महिलाओं के निबंधन और एएनसी के विभिन्न चरणों के दौरान प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, छौड़ाही के प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर की। वहीं, गर्भवती महिलाओं के आईएफए टेबलेट वितरण में साहेबपुर कमाल, बखरी, खोदावंदपुर एवं चेरिया बरियारपुर पीएचसी के नकारात्मक प्रदर्शन पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कैल्सियम टेबलेट्स एवं टी-टी बूस्टर देने के मामले में सुधार लाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान ओपीवी शून्य, बीसीजी, पेंटावैलेन्ट-1, पेंटावैलेन्ट-3, खसरा आदि से संबंधित टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने पुरुष एवं स्त्री बंध्याकरण के लक्ष्यों की प्राप्ति का भी निर्देश दिया। डीएम ने मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से संबंधित आंकड़ों का ई-कल्याण पोर्टल पर की जाने वाली प्रविष्टि की समीक्षा करने और लापरवाही करने पर कार्रवाई का निर्देश दिया। अनीमिया मुक्त भारत अभियान केेे संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए गए। आयुष्मान पखवाड़ा के संबंध में डीएम ने बताया कि एक सप्ताह में 8859 नए परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आच्छादित किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समय से पात्र व्यक्ति तक सूचना पहुंचाने और शिविर के आयोजन में किसी प्रकार की चुनौती आने पर संबंधित बीडीओ से समन्वय स्थापित करते हुए पखवाड़ा का सफल आयोजन करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं यूनीसेफ द्वारा किए जा रहे कार्यों को इन वैश्विक संस्थाओं के मानकों पर खरे उतरने का निर्देश दिया गया है। साथ ही जिले के 79 जगहों पर टेली-मेडिसीन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है और सभी संबंधित चिकित्सकों एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंद्र