पटना, 12 जनवरी (हि.स.)। भाकपा-माले ने बिहार में पहली पंक्ति के वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता और सीपीआईएम के पूर्व राज्य सचिव कॉमरेड गणेश शंकर विद्यार्थी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पार्टी के राज्य सचिव कॉमरेड कुणाल ने कहा कि यह पूरे वाम आंदोलन के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले जब वे गम्भीर रूप से बीमार पड़े थे, तब माले महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य और वे स्वयं खुद अस्पताल में उनसे मिलने गए थे। उस वक्त वे काफी बीमार थे, लेकिन राजनीतिक तौर पर पूरी तरह सक्रिय थे। उनसे विधानसभा चुनाव पर लंबी बातचीत हुई थी। उनकी चाहत थी कि वाम आंदोलन बिहार को एक नई दिशा दे। वे वाम एकता के भी प्रबल समर्थक थे। उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भागीदारी के बाद उन्होंने बिहार में कम्युनिस्ट पार्टी के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई थी। वे नवादा जिले से कई बार विधायक बने और एमएलसी के रूप में भी बिहार विधानमंडल में दलितों-गरीबों की आवाज सशक्त करते रहे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव-hindusthansamachar.in