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बिहार

विधानसभा में उठा दिनकर विश्वविद्यालय और नीलगाय से फसल क्षति का मामला

Raftaar Desk - P2

बेगूसराय, 23 फरवरी (हि.स.)। बेगूसराय में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना और यहां के किसानों को नीलगाय से मुक्ति का मामला अब विधानसभा में पहुंच गया है। मंगलवार को बेगूसराय विधानसभा के विधायक कुंदन कुमार ने क्षेत्र के युवाओं के चीर प्रतिक्षित मांग को मुकाम देने की दिशा में विधानसभा में दिनकर विश्वविद्यालय के स्थापना की आवाज को बुलंद किया। इसकेेेे साथ ही उन्होंने नील गाय (नील बकरी) के उत्पात से फसलों की हो रही क्षति से बचाव के लिए सरकार से व्यापक प्रबंधन की मांग की, ताकि किसानों के फसलों की पूर्ण सुरक्षा एवं उनके पैदावार में बढ़ोतरी हो। कुंदन कुमार ने विधानसभा में शिक्षा मंत्री से पूछा है कि राष्ट्रकवि दिनकर के सम्मान एवं छात्र-छात्राओंं के उच्च शिक्षा के लिए विगत दस वर्षों से दिनकर विश्वविद्यालय के स्थापना की मांग की जा रही है। विश्वविद्यालय के अभाव में यहां केेे एक लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने के लिए एक सौ किलोमीटर दूर दरभंगा जाना पड़ता है। जिसके कारण 40 प्रतिशत गरीब छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा सेेेे वंचित रह जाते हैं। जबकि जिला मुख्यालय के गणेश दत्त महाविद्यालय में 15 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इसके साथ ही उन्होंने जलवायुुुुु परिवर्तन, पर्यावरण एवं वन मंत्री से नीलगाय से फसल की बर्बादी को रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि बेगूसराय में नीलगाय बड़े पैमानेे पर फसल की क्षति कर रही है। कोला चौर एवं मोहनपुर सेे सूजा तक आठ हजार बीघा सेे अधिक में गेहूं, मक्का एवं सब्जी का उत्पादन किया जाता है लेकिन नीलगाय बड़े़े़े पैमाने पर इसे क्षति पहुचाते है। इससे किसान परेशान है। इसके कारण हुई क्षति का उन्हेंं मुआवजा नहींं दिया जाता है। नीलगाय से फसल की बर्बादी रोकने के साथ-साथ प्रभावित किसानों को क्षति का मुआवजा देने की व्यवस्था होनी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा