Bihar Begusarai seat
Bihar Begusarai seat Raftaar
बेगुसराय

बिहार बेगूसराय में होगी अगड़ा-पिछड़ा की लड़ाई, तीसरी बार भाजपा से गिरिराज लहरायेंगे परचम, या अवधेश देंगे पटखनी

पटना, (हि.स.)। बिहार की कई हॉट लोकसभा सीटों में से एक बेगूसराय भी है। इस बार यहां पर अगड़ा और पिछड़ा की लड़ाई होने जा रहीं है। बेगूसराय से जहां भाजपा ने राजग (NDA) उम्मीदवार के तौर पर पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से मैदान में उतारा है, वहीं महागठबंधन ने यहां से कम्यूनिष्ट पार्टी के अवधेश राय को अपना उम्मीदवार बनाया है। जहां गिरिराज सिंह सर्वण जाति से आते हैं, वहीं अवधेश राय पिछड़ा वर्ग के यादव समुदाय से चुनावी मैदान में हैं। इस लोकसभा सीट पर अगड़ा-पिछड़ा की लड़ाई में गिरिराज सिंह तीसरी बार भाजपा का परचम लहरायेंगे या यहां अवधेश बाजी मार ले जायेंगे।

बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र के तहत कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं

बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र के तहत कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघड़ा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी विधानसभा सीटें शामिल हैं। परिसीमन के बाद साल 2009 में बेगूसराय लोकसभा सीट वजूद में आई। हालांकि इस क्षेत्र को कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी का गढ़ कहा जाता रहा है लेकिन पिछले दस सालों से यहां पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद चुन कर संसद जा रहे हैं। यहां के कुल मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख है।

2014 के चुनाव में भाजपा ने डॉ. भोला सिंह को बनाया था उम्मीदवार

लोकसभा चुनाव 2014 में बिहार में छह चरणों में मतदान संपन्न कराए गए, इनमें तीसरे, पांचवें, छठें, सातवें, आठवें और नौवें चरण में चुनाव हुए। वहीं बेगूसराय लोकसभा सीट की बात करें तो यहां सातवें चरण के तहत 30 अप्रैल 2014 को मतदान हुआ। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जहां डॉ. भोला सिंह को उम्मीदवार बनाया था, वहीं राजद के उम्मीदवार मोहम्मद तनवीर हसन उनको टक्कर देने की पूरी तैयारी में थे । मतदान के बाद 16 मई को जब मतगणना हुई तो भाजपा के प्रत्याशी डॉ. भोला सिंह को 428227 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी राजद प्रत्याशी मोहम्मद तनवीर हसन को 369892 वोट मिले। इस तरह से साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बेगूसराय की जनता ने डॉ. भोला सिंह को चुनकर संसद भेजा।

2019 के चुनाव में भाजपा ने गिरिराज सिंह को दिया मौका

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी सीटों पर सभी सात चरणों में मतदान कराए गए। इसमें बेगूसराय लोकसभा सीट पर चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को मतदान हुआ। इस बार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जहां दिग्गज नेता गिरिराज सिंह को टिकट दिया तो राजद ने फिर से मोहम्मद तनवीर हसन पर भरोसा जताया, वहीं कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने इस चुनाव में कन्हैया कुमार को टिकट देकर बड़ा दांव खेला। हालांकि 29 अप्रैल को मतदान होने के बाद जब 23 मई को वोटों की गिनती हुई तो इसमें भाजपा को 692193 वोट मिले, जबकि कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 269976 वोट मिले, इसके अलावा राजद को 198,233 वोटों से संतोष करना पड़ा। 2019 के चुनाव में भाजपा को बेगूसराय सीट पर एक बार फिर बहुत बड़ी जीत मिली और यहां की जनता ने गिरिराज सिंह को चुनकर लोकसभा भेजा।

बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं लेकिन इनमें से बेगूसराय सीट बेहद खास

बिहार में वैसे तो 40 लोकसभा सीटें हैं लेकिन इनमें से बेगूसराय सीट बेहद खास है। बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र के तहत कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघड़ा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी विधानसभा सीटें शामिल हैं। परिसीमन के बाद साल 2009 में बेगूसराय लोकसभा सीट वजूद में आई। हालांकि इस क्षेत्र को कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी का गढ़ कहा जाता रहा है, लेकिन अब पिछले दस सालों से यहां पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद चुन कर संसद जा रहे हैं। यहां के कुल मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख है। वहीं इस क्षेत्र की आबादी मुख्य रूप से खेती-किसान और पशुपालन जैसे कामों पर निर्भर करती है। इसके अलावा यहां पर उद्योगों को स्थापित करने का मुद्दा भी चुनावों में बना रहता है।

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