बिहार

Amrit Vatika: दिल्ली में अमृत वाटिका बनाने के लिए 75 सौ कलशों में देश के कोने-कोने से पहुंचेगी मिट्टी

बेगूसराय, हि.स.। दिल्ली में बनने वाले अमृत वाटिका में अपनी कविता और साहित्य से लोगों में राष्ट्र प्रेम का भाव जगाने वाले राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के जन्मभूमि की मिट्टी भी समाहित होगी।

दिनकर के आंगन की मिट्टी से भरा कलश सौंपा

मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत राष्ट्रकवि दिनकर के आंगन से मिट्टी से भरा कलश ले जाया गया है। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री एवं पूर्व विधान पार्षद रजनीश कुमार द्वारा मिट्टी ले जाया गया है। सिमरिया पंचायत-एक के मुखिया प्रतिनिधि गोपाल कुमार एवं पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह ने दिनकर के आंगन की मिट्टी से भरा कलश सौंपा है।

साबरमती से दांडी तक मार्च के साथ शुरू हुई

मौके पर जिला उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, विकास कुमार, लोकसभा विस्तारक सत्यम कुमार सिंह एवं आभा सिंह सहित अन्य उपस्थित थे। रजनीश कुमार ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत 12 मार्च 2021 को साबरमती से दांडी तक मार्च के साथ शुरू हुई थी। इस दौरान पूरे भारत में दो लाख से अधिक कार्यक्रमों के साथ व्यापक सार्वजनिक जनभागीदारी देखी गई। अभी चल रहे मेरी माटी मेरा देश अभियान की परिकल्पना आजादी का अमृत महोत्सव के समापन कार्यक्रम के रूप में की गई है।

अमृत कलश यात्रा जाएगी निकाली

इस अभियान में वसुधा वंदन, स्मारक को शामिल करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। दिल्ली में अमृत वाटिका बनाने के लिए 75 सौ कलशों में देश के कोने-कोने से मिट्टी लेकर अमृत कलश यात्रा निकाली जाएगी। यह अमृत वाटिका एक भारत, श्रेष्ठ भारत के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक होगी। देशव्यापी अभियान का समापन 30 अगस्त को नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर होगा।

मिट्टी हमारे लिए गौरवशाली विरासत

उन्होंने कहा कि हम सब को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर पर गर्व है। बेगूसराय जिले का सिमरिया गांव राष्ट्रकवि दिनकर जी की जन्मभूमि है। इसलिए दिनकर ग्राम सिमरिया की मिट्टी हमारे लिए गौरवशाली विरासत है। अमृत वाटिका के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से संग्रहित मिट्टी राष्ट्रवाद की भावना को प्रबल बनाएगी। ऐसी वाटिका में समाहित होने वाली राष्ट्रकवि के जन्मभूमि की मिट्टी हम सबके लिए गौरवशाली होगा।