agriculture-minister-dedicates-fm-green-service-to-farmers
agriculture-minister-dedicates-fm-green-service-to-farmers 
बिहार

एफएम ग्रीन सेवा को कृषि मंत्री ने किसानों को किया समर्पित

Raftaar Desk - P2

भागलपुर, 20 फरवरी (हि.स.)। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर से चलने वाले एफएम ग्रीन रेडियो अब दुनिया के किसी कोने से लाइव सुना जा सकता है। किसान मेले में शनिवार को कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने इस सेवा को किसानों को समर्पित किया। मंत्री द्वारा मोबाइल पर टैप करते ही यह सेवा दुनिया भर में खास कर पूरे बिहार के लोगों के लिए गूगल प्लेस्टोर और एप्पल आईओएस एप्प स्टोर पर उपलब्ध हो गया। एफएम ग्रीन बी ए यू सबौर टाइप करने से कोई भी व्यक्ति इसे डाऊनलोड और इंस्टाल कर सुन सकते हैं। खास बात यह है कि लाइव के अलावा इसमें अपनी मर्जी से भी कार्यक्रम सुने जा सकते हैं। पॉडकास्ट पर टैप कर कृषि, लोकगीत, स्वास्थ और अन्य कार्यक्रमों को इच्छा अनुसार सुन सकते हैं। इसमें वीडियो पॉडकास्ट के जरिये कुछ कार्यक्रमों का वीडियो भी देख सकते हैं। ऑनलाइन वेब रेडियो के तौर पर यह सेवा विस्वविद्यालय के ऑफिसियल वेबसाइट bausabour.ac.in पर भी उपलब्ध हो गया है। एफएम ग्रीन मोबाइल एप्प से कोई श्रोता अपना फीडबैक लिखकर या बोलकर भी दे सकते हैं, उनकी आवाज को प्रसारित भी किया जाएगा। बड़ी बात यह है कि यह सेवा यूनिवर्सल रेडियो सेवा रेडियो गार्डेन पर भी उपलब्ध हो गया है, इसके जरिये दुनिया भर के लोग मोबाइल के जरिये दुनिया के नक्से पर लोकेशन पिन कर कार्यक्रम को सुनते हैं। दुनिया भर के लगभग आठ हजार से अधिक रेडियो स्टेशन रेडियो गार्डन पर उपलब्ध है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर के सोहने कहते हैं कि विश्वविद्यालय का सामुदायिक रेडियो एफएम ग्रीन अब भागलपुर के अलावा दुनिया भर के लोगों को और खास कर बिहार के किसानों को लाभान्वित करेगा। उल्लेखनीय है कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर से सामुदायिक रेडियो प्रसारण की शुरुआत 2019 में की गई थी लेकिन भारत सरकार के तय मानदंड के मुताबिक 50 वाट के ट्रांसमीटर से कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है जिससे कि सिर्फ भागलपुर और आस पास के 20-25 किलोमीटर तक ही कार्यक्रम पहुच पाता है। सामुदायिक रेडियो स्टेशन के प्रभारी ईश्वर चंद्र ने बताया कि श्रोताओं के तरफ इसकी मांग काफी समय से की जा रही थी। सोशल मीडिया के मध्यम से पूरे बिहार के कृषक यहां से प्रसारित कार्यक्रम को सुनना चाहते थे। अब उनकी मांग पूरी हो गयी है। हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा