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बिहार

94 वर्षीय लाचार मां को गोद में उठाकर लाता है बेटा तब मिलती है पेंशन

Raftaar Desk - P2

मुंगेर, 06 अप्रैल (हि.स.)। शहर के बिन्दवारा मोहल्ले की 94 वर्षीय बीमार और लाचार महिला सरयू देवी प्रधान डाकघर के प्रवेश द्वार पर फर्श पर अचेत अवस्था में पड़ी थी। वह फर्श पर बैठ तक नहीं सकती थी। वह किसी से बात तक नहीं करने की स्थिति में थीं।उनकी सांसे चल रही थीं। पूछने पर उनके पुत्र रामअवतार सिंह बताते हैं कि उनकी माताश्री 94 वर्ष की है। उनके पिता रेलवे में कर्मचारी थे। पिता की मृत्यु के बाद उनकी माता को पेंशन लगभग साढ़े ग्यारह हजार प्रतिमाह मिलता है जिससे घर चलता है।डाकघर के नियम के अनुसार जबतक प्रधान डाकघर के पेंशन काउंटर के सहायक संतुष्ट नहीं होते हैं पेंशनधारी के जीवित रहने के मामले में,उन्हें पेशन राशि नहीं मिल सकती है। इसीलिए वे अपनी माताश्री को बड़ी मुश्कित से घर से सड़क तक गोद में उठाकर लाते हैं, और फिर सड़क से ऑटो से प्रधान डाकघर के प्रवेश-द्वार पर सुला देते हैं। रामअवतार ने कहा कि डाकघर के पेंशन-काउंटर के सहायक आकर देखते हैं और संतुष्ट हो जाते हैं तब जाकर उनकी माताजी को पेंशन की राशि मिलती है। यह प्रक्रिया विगत 4-5 वर्षों से चल रही है।राम अवतार सिंह केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि सरकार माताश्री के जीवित रहने तक घर पर पेंशन राशि के भुगतान की व्यवस्था करें। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीकृष्ण