गोलाघाट (असम), 23 फरवरी (हि.स.)। गोलाघाट जिला के बगरीजेंग में पहली बार पहली बार भोरताल नृत्य कार्यशाला का आयोजन हुआ। असम सरकार के सांस्कृतिक निदेशालय के अधीन घोलाघाट सांस्कृतिक केंद्र और नृत्यांजली संगीत महाविद्यालय के सहयोग से बगरीजेंग में 10 दिवसीय भोरताल नृत्य कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित किया गया। शास्त्रीय नृत्य के साथ ही रजिता खोवाई कृष्ण की भक्ति के लिए बरपेटा के नरहरि बूढ़ाभक्त ने भोरताल नृत्य की रचना की थी। निचले असम में प्रचलित भोरताल नृत्य को ऊपरी असम के गोलाघाट प्रशिक्षण देते हुए इसे असम के बाहर तक प्रचारित करने के लिए भी तैयारी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि निचले असम के बरपेटा जिला में विशेष रूप से प्रचलित भोरताल नृत्य पर कार्यशाला गोलाघाट में पहली बार आयोजित किया गया। नृत्यांजलि संगीत महाविद्यालय के मुख्य प्रशिक्षक द्वीपज्योति बोरा फूकन गोलघाट जिला के विभिन्न क्षेत्रों के 43 छात्र-छात्राओं को भोरताल के नृत्य का प्रशिक्षण दिया। 10 दिवसीय कार्यशाला के अंत में आयोजित समापन समारोह में सांस्कृतिक निदेशालय के गोलाघाट केंद्र के मुख्य निदेशक सोमनाथ बोरा, विधायक मृणाल सैकिया, फिल्म निर्देशक दीनेश गोगोई आदि इस मौके पर मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद