कोंडागांव/केशकाल 14 ,जनवरी (हि.स.)।कोंडागांव जिले के केशकाल वनमंडल के वन परिक्षेत्र बड़ेराजपुर अंर्तगत टेंवसा बीट में हरे भरे साल वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर दिया गया और वन विभाग आंख कान बंद कर सोता रहा। जंगल की कटाई को लेकर दो गांव के बीच आपस में हुए झगड़ा लड़ाई का मामला थाना तक न पंहुचता तो अवैध कटाई का मामला वन विभाग रफा दफा कर अपनी अकर्मण्यता पर छिपा लिया होता। वनक्षेत्र सीमा को लेकर दो गांव के बीच उपजे गंभीर विवाद को सुलझाने और बड़े पैमाने पर हुए अवैध कटाई हो जाने के बाद भी अभी तक वनमंण्लाधिकारी या विभाग के किसी उच्च अधिकारी ने मौके तक पंहुचकर मुआयना करने की जरूरत नहीं समझा है। अवैध कटाई होने की शिकायत मिलने के बाद भी वन विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों ने जो रवैय्या अख्तियार किया उसके चलते अब वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी कटाई और जप्ती को लेकर किए जाने वाले सवालों पर गोलमोल जवाब देने लगे हैं। अवैध कटाई को देखने और हुए अवैध कटाई का कारण जानने पर जो जानकारी मिली है उसके अनुसार 45 घर के कोलियाडिह तथा 180 घर के सालेभाट के बीच पड़ने वाले जंगल को लेकर दोनों गांव के लोगों के बीच जो मतभेद उत्पन्न हो गया हैं, वह हुए वनविनाश से भी कंही ज्यादा गंभीर एवं भविष्य के लिए चिंताजनक है। जिसका सौहार्द्रपूर्ण समाधान यथासंभव जल्दी से जल्दी किया जाना वन सुरक्षा के सांथ जनसुरक्षा के लिए निहायत जरूरी हो गया है। दोनों गांव वालों के बीच उक्त वनक्षेत्र को लेकर दोनों गांव वाले अपना अपना दावा करते हैं। बताया जाता है की 45 घर के कोलियाबेडा गांव के लोगों ने एक राय होकर पहले जंगल में कटाई किया उसके बाद 180 घर वाले गांव सालेभाट के लोग भी एक दिन एक राय होकर जंगल में कटाई कर दिया। इसको लेकर यह भी बताया जाता है की जब कोलियाबेडा के लोगों ने जंगल में कटाई किया तब सालेभाट के लोगों ने वन विभाग को सूचित कर कार्रवाई करने को कहा पर वनविभाग के लोगों ने कुछ नहीं किया तब सालेभाट के लोगों ने भी अपनी निस्तारी जरूरत के लिए कटाई कर लिया। दोनों गांव के लोग उस जंगल पर अपना होने का दावा करते एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप मढ़ते है। दोनों गांव वालों के दावा और आरोप प्रत्यारोप के बीच हुए हरे भरे साल के पेड़ पौधों की कटाई के मामले में वनविभाग के रहनुमाओं की खामोशी और उदासीन रवैय्या गौर करने काबिल रहा। जानकारों का मानना है कि 5 हैक्टेयर से अधिक वनक्षेत्र में कटाई हुई है और हजारों पेड़ो की कटाई कर दिया गया है। परन्तु अब जवाबदेही की आंच से बचने वनविभाग हुए कटाई का रकबा वृक्ष संख्या एवं क्षति का आंकड़ा कम से कम दर्शाने के हरसंभव जुगाड में जुट गया है। इस पूरे मामले में डीएफओ केशकाल बी एस ठाकुर से बात करने पर उन्होंने बताया है कि दो गांव के बीच के आपसी विवाद में जंगल में पेड़ो को काटा गया है, जिसकी जानकारी 12 जनवरी शाम को मिली थी, लेकिन फोर्स की कमी की वजह से हम नही पहुँच पाये थे, आज फोर्स के साथ फारेस्ट की पूरी टीम मौके पर गयी है, किसी कारणवश मैं मौके पर नहीं पहुंच पाया हूं। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव गुप्ता-hindusthansamachar.in