कठुआ 2 जून (हि.स.)। कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन और पाबंदियों के कारण बेरोजगार हुए जिला कठुआ के सभी कलाकारों ने सुने साज सुनों सरकार मुहीम के तहत अपना विरोध जताया। जिला कठुआ के विभिन्न कलाकारों में ज्यादातर जागरण करने वाले कलाकार मौजूद रहे। उन्होंने जिला सचिवालय के सामने अपने ढोल बाजों के साथ शायरी और गाने गाकर विरोध जताया। कलाकारों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि लॉकडाउन की वजह से वे बेरोजगार हो चुकें है और अब घर का गुजारा करना भी मुश्किल हो चुका है। इसलिए सरकार सभी कलाकारों को चिन्हित करके हर एक को दस हजार महीना बता लगाने का प्रबंध करें। वहीं प्रदर्शनकारियों में धीरज नामक कलाकार ने बताया कि कोरोना की इस संकट घड़ी में देश के हर एक वर्ग को राहत राशि जारी की गई है, जिसमें रेहड़ी फड़ी वालों को भी दस हजार तक का लोन देने की सरकार द्वारा प्रस्ताब रखा गया है। लेकिन कलाकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है। धीरज ने कहा कि सरकार द्वारा लागू की गई सभी योजनाओं को आम जनता तक कलाकार ही पहुंचाते हैं लेकिन सरकार कलाकारों को अनदेखा कर रही है। प्रदर्शन कर रहे कलाकारों ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते लोकडाउन के कारण कलाकार बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जगाने के लिए सुने सहज सुनों सरकार चलाई गई मुहिम के साथ चलते हुए हम यह लड़ाई आखिरी दम तक लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को सभी कलाकारों की दिक्कतों को समझते हुए उनके लिए रोजगार की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अगर कलाकारों ने लाॅकडाउन का पूरा पालन किया है तो सरकार भी उनके प्रति सद्भावना दिखानी चाहिए और उनके रोजगार की उचित व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि अब इस महामारी के फैलने से कम से कम 1 साल तक जागरण या कोई भी प्रोग्राम नहीं हो पाएंगे, जिसके लिए उनको अपने गुजारा चलाने के लिए दस हजार महीना बता लगाया जाए या कोई छोटी मोटी नौकरी दी जाए। हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान-hindusthansamachar.in