जगदलपुर, 11 जनवरी (हि.स.)। बस्तर के आदिवासी कारीगरों, उत्पादकों और एमएफपी संग्रहक करने वालों की आय सृजन और आजीविका में सुधार लाने के लिए बस्तर में ट्राइफेड एवं जिला प्रशासन के मध्य एमओयू किया गया है। ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्णा और कलेक्टर रजत बंसल के द्वारा सोमवार को एमओयू में हस्ताक्षर किया गया। एमओयू के माध्यम से जिले में एमएसपी में अधिक उत्पाद को शामिल करना, सेमरा में फूड प्रॉसेसिंग प्लांट की स्थापना,जिला प्रशासन द्वारा प्रदान किए गए कारीगरों का पंजीकरण, ट्राइबल स्टार्ट अप इको सिस्टम के लिए लॉन्ग टर्म फंड फिजिबिलिटी, शीर्ष भारतीय कला संस्थान सेबस्तर के कला और शिल्प को जोडऩा, बस्तर क्षेत्र की वन धन समिति को ट्रायफेड के ट्राइफूड प्रोजेक्ट और जिला प्रशासन के मध्य जोड़ना जैसे विषयों में सहमति बनी है। भारत सरकार के ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्ण ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों द्वारा निर्मित कलाकृति उत्पादों को बढ़ावा देने एवं बाजार उपलब्ध करवाने हेतु ट्राइब्स इंडिया मार्केट की शुरुआत की जा रही है। इसके साथ ही बस्तर जिले में इमली, महुआ, टोरा आदि वनोपजों के प्रसंस्करण हेतु सेमरा में ट्रायफूड की स्थापना की जाएगी। जिससे ज्यादा से ज्यादा आदिवासियों को लाभ मिले,यह पहल आदिवासियों को आर्थिक रूप से सशक्त करेंगी। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे-hindusthansamachar.in