खूंटी, 23 जून (हि.स.)। लाॅक डाउन के बीच मंगलवार को जिले में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन शुभद्रा की रथयात्रा की परंपरा का निर्वाह किया गया। प्रशासन की रोक के कारण जरियागढ़ के इतिहास में पहली बार रथयात्रा नहीं निकली। सिर्फ पारंपरिक ढंग से तीनों विग्रहों की पूजा-अर्चना की गयी, जिसमें पुरोहित और यजमान को ही जाने की अनुमति थी। लोगों ने विग्रहों के सिर्फ दर्शन कियेए पर शारीरिक दूरी का इसमें विशेष ध्यान रखा गया। पूजा-अर्चना के बाद पुरोहित और राजपरिवार के सदस्य भगवान जगन्नाथ और शुभद्रा के विग्रहों को मदन मोहन गुड़ी से मौसीबाड़ी तक पूरे भक्तिभाव से ले गये। अब नौ दिनों तक महाप्रभु और अन्य विग्रहों के दर्शन मौसी बाड़ी में होंगे। नौ दिनों के बाद आषाढ़ शुक्ल एकादशी को घुरती रथयात्रा के दिन तीनों विग्रह मौसीबाड़ी से मदन मोहन गुड़ी वापस लौटेंगे। पूजा-अर्चना के लिए राजपरिवार के सदस्य रांची, खूंटी और अन्य जगहों से जरियागढ़ पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान ठाकुर ध्रुवेंद्र नाथ शाहदेव, लाल प्रेमेंद्र नाथ शाहदेव, लाल ज्योतिंद्र नाथ शाहदेव, मुनी मिश्र सहित अन्य लोगों ने भी तीनों विग्रहों की पूजा-अर्चना कर अपने और परिवार की खुशहाली की कामना की। तोरपा जगन्नाथ मंदिर में होता रहा भजन-कीर्तन लाॅक डाउन के कारण भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भले ही नहीं निकली, लेकिन पूजा-अर्चना और लोगों के भक्तिभाव में कोई कमी नहीं दिखी। तोरपा के जगन्नाथ मंदिर में दिन भर भजन-कीर्तन होता रहा। सुबह से ही भगवान के विग्रहों के दर्शन-पूजन के लिए लोग मंदिर पहुंचने लगे थे, पर पूजा की इजाजत सिर्फ पुजारियों को ही थी। इसके कारण लोगों ने तीनों देवी-देवताओं के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया। तपकारा, झपरा, कर्रा, सिलाफारी आदि जगहों पर भी रथयात्रा नहीं निकली। सीआरपीएफ के 94 बटालियन में भी रथयात्रा के दिन सिर्फ पूजा-अर्चना कर प्रसाद वितरण किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/ वंदना-hindusthansamachar.in