कोरोना के कारण 165 सालों में पहली बार नहीं निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा
कोरोना के कारण 165 सालों में पहली बार नहीं निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 
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कोरोना के कारण 165 सालों में पहली बार नहीं निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा

Raftaar Desk - P2

अलवर, 16 जून (हि.स.)। राजस्थान ही नहीं देश भर में प्रसिद्ध अलवर के भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा इस साल नहीं निकलेगी। 165 सालों के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के दर्शन नहीं हो पाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार भगवान जगन्नाथ जी का मेला रूपबास में नहीं भरेगा। इसके चलते यहां वीरानगी छाई है। रथयात्रा महोत्सव के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शनों को आते हैं । यह जगन्नाथ की रथयात्रा पुराना कटरा सुभाष चौक से रवाना होकर का शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर रूपबास स्थित रूपहरि मंदिर में पहुंचती है। जहां पांच दिवसीय मेले का आयोजन होता है । इधर रूपबास में भी तैयारियां शुरू नहीं हो पाई है प्रतिवर्ष यहां लगने वाले मेले में हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है रूपवास के स्थानीय निवासी भी इस मेले को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं जो जानकी मैया को अपनी बेटी मानकर विवाह के दौरान देवशयनी एकादशी पर जानकी मैया का कन्यादान करने आते हैं, बेटी की तरह ही उन्हें विदा करते हैं। उल्लेखनीय है कि रथयात्रा महोत्सव के दौरान भगवान जगन्नाथ और जानकी के विवाह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां पर भगवान जगन्नाथ के विवाह के दौरान उनको कंगन डोरे बांधे जाते हैं इसके साथ ही जिन युवक-युवतियों के विवाह नहीं होते हैं वह भी यहां इस दिन कंगन बधवाते हैं। मान्यता है कि कंगन बांधने से उनका विवाह भी हो जाता है मेले का दूसरा आकर्षण भगवान जगन्नाथ क्या भारत का कार्यक्रम होता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भात देते हैं। मंदिर के महंत देवेंद्र शर्मा ने बताया कि विवाह महोत्सव में अभी करीब 10 दिन शेष है। प्रशासन के निर्देशों की पालना की जाएगी। विवाह महोत्सव के कार्यक्रम परम्परा के अनुसार नियत तिथि पर किए जाएंगे। भक्तों को कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर-hindusthansamachar.in