Indian soldiers will come from Maldives till May 10
Indian soldiers will come from Maldives till May 10 Social media
दुनिया

भारत-मालदीव में हुआ समझौता, 10 मई तक लौटेगी भारतीय सेना, दोनों देशों के विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर मालदीव के मंत्रियों द्वारा की गई टिप्पणी के बाद भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत को अपने सैनिकों को 15 मार्च तक वापस बुलाने का अल्टीमेटम तक दे दिया था, हालांकि अब दोनों देशों के बीच सहमति बनी है कि भारत के सैनिक 10 मई तक भारत लौटेंगे। आपको बता दें कि भारत के 80 से ज्यादा सैनिक इस वक्त मालदीव में तैनात हैं।

बैठक में क्या सहमति बनी

भारत और मालदीव के बीच लगभग दो महीने से तनाव की स्थित बनी हुई है। दर्शन मालदीप से भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर दोनों देशों के बीच एक उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की बैठक हुई। जिसमें विदेश मंत्रालय ने कहा है की दोनों पक्ष इस बात पर राजी हुए हैं कि मालदीप में मानवी सहायता और मेडिकल बचाव सेवाएं मुहैया कराने वाले भारतीय विमान प्लेटफार्म का संचालन जारी रखा जाए। वही मालदीव विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच एमपी बन गई है कि भारत अपने सभी सैनिकों को 10 में तक वापस बुला लेगा। आपको बता दे कि दोनों देशों के बीच उच्च स्त्री को ग्रुप की यह दूसरी बैठक थी जबकि पहली बैठक 14 जनवरी को हो चुकी थी।

चीन की भाषा बोल रहे मोइज्जु

इसमें कोई दो राय नहीं है कि मालदीव की मौजूदा सरकार चीन समर्पित सरकार हैं। मोहम्मद मोइज्जू ने अपने चुनावी कैंपेन में इंडिया गो का नारा दिया था। जिसके बाद ही वे सत्ता में आए थे। मोहम्मद मोइज्जू का झुकाव हमेशा से ही चीन की तरफ रहा है। वहीं भारत से विवाद के बाद वह तुरंत चीन दौरे पर गए थे l। वहां से आने के बाद ही उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि भारत सरकार 15 मार्च तक अपने सभी सैनिकों को वापस बुला ले। मोहम्मद मोइज्जू को झुकाव चीन की तरफ लाजमी है। इस बात से अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि मालदीव चीन के कर्ज तले दबा हुआ है। और मोहम्मद मोइज्जू हर समय चीन की ही जुबानी बोलते हैं।