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दुनिया

चीन को शीतकालीन ओलपिंक खेलोें की मेजबानी पर भड़के तिब्बती संगठन, मैकलोड़गंज में जताया विरोध

Raftaar Desk - P2

धर्मशाला, 03 फरवरी (हि.स.)। धर्मगुरू दलाई लामा की नगरी मिनी ल्हासा मैकलोड़गंज में बुधवार को तिब्बती कार्यकर्ताओं ने 2022 में चीन को शीतकालीन ओलपिंक खेलों की मेजबानी दिए जाने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर विभिन्न तिब्बती संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति और चीन के खिलाफ अपना विरोध जताया। तिब्बती कार्यकर्ताओं ने मैकलोड़गंज के मुख्य चौक में एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी-जिनपिंग और आईओसी अध्यक्ष थॉमस के बीच तिब्बतियों, ताइवान, उइगर, दक्षिणी मंगोलियाई और हांगकांग के पीड़ितों की अनदेखी करते हुए हाथ मिलाने की कड़ी निंदा की गई। तिब्बती कार्यकर्ताओं का मानना है कि नरसंहार करने वाले देश में ओलपिंक खेलों का आयोजन करना पूरी तरह गलत है। जिस देश में नरसंहार होता हो और मानवाधिकारों को पूरी तरह कुचला जाता हो, ऐसे देश में इन खेलों का आयोजन का पूरे विश्व को विरो धकरना चाहिए। स्वतंत्रता, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के खिलाफ चीन की कटुता पूरे चीन और उसके कब्जे वाले देशों में तेज हो गई है। चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा करने के बाद तिब्बतियों और अन्य लोगों की दुर्दशा के बावजूद आईओसी ने इस तथ्य को नजरअंदाज कर उसे ओलंपिक की मेजबानी देना मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध है। गौर हो कि वर्ष 2022 में होने वाले शीतकालीन ओलपिंक खेलों की मेजबानी चीन की राजधानी बीजिंग को मिली है। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील-hindusthansamachar.in