काबुल, 03 मार्च (हि.स.)। अफगानिस्तान में मंगलवार को मारी गई तीनों पत्रकारों का बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। ये तीनों महिलाएं एनिकास टीवी के लिए काम करती थीं। चैनल के निदेशक जलमई लतीफी ने मीडिया को बताया कि तीनों चैनल के डबिंग विभाग में काम करती थीं और जिस समय उन्हें गोली मारी गई, उस समय वे दफ्तर से अपने घर पैदल जा रही थीं। इस अवसर पर उनके परिजन और दोस्त एकत्रित हुए। साथ ही उन्होंने इस तरह की हत्याओं को खत्म करने की मांग की। मारे गए पत्रकारों में से एक पत्रकार सादिया सदात की बहन ने बताया कि सादिया केवल 18 साल की थी और अपने परिवार को आर्थिक सहयोग करने के लिए काम कर रही थी। उसका परिवार इसके काम से खुश था और उसे अपने कार्यकाल के दौरान कोई चेतावनी भी जारी नहीं की गई थी। सादिया के सहकर्मी ने बताया कि तीनों पीड़ित एक परिवार की तरह थे और तीनों की हत्या दिनदहाड़े की गई। अब कोई भी सुरक्षित नहीं है। इस्लामिक स्टेट के स्थानीय सहयोगी संगठन ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि मारे गए पत्रकार एक ऐसे मीडिया संगठन के लिए काम करते थे जो "धर्मभ्रष्ट अफगान सरकार के प्रति वफादार है।" इससे पहले दिसम्बर में एनीकास टीवी के साथ काम कर रहे एक अन्य कर्मचारी की हत्या कर दी गई थी। अफगानिस्तान में पत्रकारों, धार्मिक विद्वानों, एक्टिविस्टों और जजों की हत्याएं बढ़ गई हैं, जिसकी वजह से कई तो छिपने पर मजबूर हो गए हैं। कई लोग देश छोड़ कर भी चले गए हैं। उल्लेखनीय है कि अफगान जर्नलिस्ट सेफ्टी कमेटी के अनुसार तालिबान के साथ शांति वार्ता होने के बाद भी अफगानिस्तान में हिंसा कम नहीं हो रही है। सितम्बर से लेकर अब तक नौ पत्रकारों की हत्या की जा चुकी है। हिन्दुस्थान समाचार/सुप्रभा सक्सेना