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दुनिया

2021 में, 5 करोड़ 90 लाख से अधिक लोग आन्तरिक विस्थापन का शिकार

Raftaar Desk - P2

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने अपने साझीदार संगठन, 'आन्तरिक विस्थापन निगरानी केन्द्र' (IDMC) की एक नई रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा है कि वर्ष 2021 के दौरान, देशों की सीमाओं के भीतर विस्थापित लोगों की संख्या बढ़कर पाँच करोड़ 91 लाख तक पहुँच गई, जोकि एक रिकॉर्ड है. 'Global Report on Internal Displacement' रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 की तुलना में इस अवधि के दौरान 40 लाख अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. आन्तरिक विस्थापन निगरानी केन्द्र को वर्ष 1998 में, Norwegian Refugee Council के एक अंग के रूप में स्थापित किया गया था. यूएन प्रवासन एजेंसी ने नवीनतम IDMC रिपोर्ट का स्वागत करते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट, आपदाओं व अन्य संकटों में घिरे व्यक्तियों व समुदायों तक ज़रूरी सहायता पहुँचाने के नज़रिये से अहम है, जिससे संगठनों, मानवीय राहतकर्मियों और सरकारों को मदद मिलेगी. बताया गया है कि मानव गतिशीलता रुझानों के प्रति समझ, उनका प्रबन्धन व आवश्यकता अनुरूप उपाय, सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों के लिये मानवीय सहायता व अति-आवश्यक सेवाएँ सुनिश्चित करने के इरादे से महत्वपूर्ण है. आन्तरिक विस्थापन के कारक पिछले 15 वर्षों में, आपदाओं की वजह से सबसे अधिक संख्या में लोगों को आन्तरिक विस्थापन का शिकार होना पड़ा है, और यह हिंसक संघर्ष व टकराव के कारण विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या से कहीं अधिक है. ये रुझान 2021 में भी जारी रहा और दो करोड़ 37 लाख लोग अपने देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित हुए, जिनमें से अधिकाँश एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में हैं. इसकी वजह बाढ़, तूफ़ान, चक्रवाती तूफ़ान समेत अन्य मौसम-सम्बन्धी घटनाएँ बताई गई हैं. जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों और महत्वाकाँक्षी जलवायु कार्रवाई के अभाव में, आगामी वर्षों में विस्थापितों की संख्या में और भी अधिक वृद्धि होने की सम्भावना जताई गई है. हिंसक संघर्ष व टकराव के कारण वर्ष 2021 में एक करोड़ 44 लाख लोग आन्तरिक रूप से विस्थापित हुए, जोकि उससे पहले के वर्ष की तुलना में 50 फ़ीसदी की वृद्धि को दर्शाता है. अधिकाँश मामलों में आन्तरिक विस्थापन अफ़्रीका, विशेष रूप से इथियोपिया और काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में हुआ है. इसके अलावा, अफ़ग़ानिस्तान और म्याँमार में भी हिंसा और टकराव के कारण अभूतपूर्व संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं. © UNOCHA/Mahmoud Fadel-YPN यमन की अल-धलेए गर्वनरेट में एक आन्तरिक विस्थापन का शिकार परिवार. डेटा उपलब्धता इस वर्ष की रिपोर्ट में बच्चों और युवजन पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया है, जोकि वर्ष 2021 में आन्तरिक विस्थापितों की कुल संख्या का क़रीब 40 फ़ीसदी से भी अधिक हैं. रिपोर्ट में आन्तरिक विस्थापन से प्रभावित होने वाले लोगों के कल्याण व भविष्य पर होने वाले असर के अलावा, डेटा व ज्ञान के उस अभाव को भी दूर करने का प्रयास किया गया है, जोकि स्थायी समाधान ढूँढने में अहम भूमिका निभा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसके ज़रिये, बच्चों और युवजन पर विस्थापन के जोखिमों को कम करने और ज़्यादा समावेशी व सहनसक्षम समाजों के निर्माण में मदद मिलेगी. प्रवासन मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (IOM) ने इस रिपोर्ट को तैयार करने करने के लिये सटीक व भरोसेमन्द डेटा उपलब्ध कराया है, जिसे Displacement Tracking Matrix (DTM) के ज़रिये प्रदान किया गया है. यह आन्तरिक विस्थापन के मामलों पर विश्व का सबसे बड़ा डेटा स्रोत है. यूएन प्रवासन एजेंसी और IDMC ने लम्बे समय की साझीदारी को मज़बूती प्रदान करते हुए, डेटा बेहतर बनाने, नीति निर्धारण प्रक्रिया में बेहतरी लाने और आन्तरिक विस्थापन पर कार्रवाई के लिये, 2018 में एक वैश्विक साझेदारी पर हस्ताक्षर किये थे. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News