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दुनिया

पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों को प्रताड़ना से बचाने के लिए एचएसएफ कार्यक्रम की शुरुआत

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। हिंदू सिंध फाउंडेशन इंक (एचएसएफ) पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों को प्रताड़ना से बचाने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम पेश कर रहा है। इस कार्यक्रम में लघु और दीर्घकालिक दोनों तरह से राहत और सहायता की परिकल्पना की गई है। विभिन्न मानवाधिकार समूहों के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई धर्मों से संबंधित महिलाओं और नाबालिग लड़कियों का नियमित रूप से अपहरण और जबरन इस्लाम में धर्मांतरण किया जाता है। अनुमान है कि ऐसी कम से कम एक हजार लड़कियों को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया है और यह संख्या सिंध से सबसे ज्यादा है। ताजा मामला 18 साल की पूजा कुमारी का है, जिसकी हाल ही में जबरन निकाह और धर्म परिवर्तन के लिए अपहरण का विरोध करने के बाद हत्या कर दी गई थी। एचएसएफ ने कहा कि सिंध के हिंदू बड़े भय में जी रहे हैं, खासकर वे जिनके घरों में छोटी या जवान बेटियां हैं। सिंध के हिंदुओं की पीड़ा को कम करने के लिए तत्काल राहत और सहायता की आवश्यकता है। हिंदू सिंध फाउंडेशन इंक के व्यापक कार्यक्रम में प्रभावित परिवारों को कानूनी और अन्य सहायता सहित राहत और जरूरी चीजों की सहायता की परिकल्पना की गई है, जहां बेटियों का अपहरण किया गया है, जबरन धर्म परिवर्तन किया गया है और मुसलमानों से जबरन निकाह कराया गया है। इसमें उन बची हुई युवतियों के पुनर्वास के लिए सहायता भी शामिल है, जिनका अपहरण कर लिया गया था, जबरन धर्मांतरण किया गया था और जबरन मुसलमानों से निकाह कराया गया था, लेकिन अब वे उनके चंगुल से निकल चुकी हैं और सामान्य जीवन में वापस बसने की कोशिश कर रहीं हैं। एचएसएफ ने कहा कि इसमें उन लड़कियों को छुड़ाना भी शामिल है, जिन्हें मुस्लिम पुरुषों ने धमकी दी है और संभवत: उनका अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी कराई जा सकती है। बचाव कार्यक्रम में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ भारत और नेपाल में संरक्षकता और संरक्षण की सुविधा शामिल है, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है, जहां लड़कियां आगे की पढ़ाई के लिए प्रवास करेंगी। बचाव कार्यक्रम में जन्म देने वाले माता-पिता की सहमति के बाद युवा लड़कियों को गोद देना भी शामिल है। यह प्रक्रिया उचित जांच के बाद करने का प्रावधान रखा गया है। इसमें गोद लेने वालों के देशों में कानून द्वारा प्रावधान के अनुसार पात्रता मानदंडों को पूरा करने में सहायता भी शामिल है। --आईएएनएस एकेके/एएनएम