food-insecurity-deepens-in-20-countries-and-territories-the-situation-is-at-risk-of-worsening
food-insecurity-deepens-in-20-countries-and-territories-the-situation-is-at-risk-of-worsening 
दुनिया

20 देशों और क्षेत्रों में गहराई खाद्य असुरक्षा, हालात और बिगड़ने का जोखिम

Raftaar Desk - P2

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के एक नए विश्लेषण में भूख की मार झेल रहे 20 देशों और क्षेत्रों – हॉटस्पॉट्स – में गम्भीर होती खाद्य असुरक्षा और लाखों ज़िन्दगियों पर मंडराते जोखिम पर चिन्ता जताई गई है. विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने गुरूवार को ‘Hunger Hotspots’ रिपोर्ट जारी की है, जिसमें इथियोपिया, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान और यमन समेत अन्य कई देशों में परिस्थितियों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की गई है. हिंसक संघर्ष आर्थिक व्यवधान, प्राकृतिक जोखिमों, राजनैतिक अस्थिरता और सीमित मानवीय राहत सुलभता के कारण यह संकट गम्भीर रूप धारण कर रहा है. 2021 saw an unprecedented increase in: 📈 global hunger 📈 the prices of food 📈 & the cost of getting it to people in need 🚨 Between now & next year, these ⬇️ are the 20 places where acute food insecurity is likely to deteriorate further without action today. — World Food Programme (@WFP) January 27, 2022 इन चारों देशों में ऐसे इलाक़ों का उल्लेख किया गया है, जहाँ भरपेट भोजन के अभाव में लोग या तो भुखमरी व मौत का सामना कर रहे हैं, या फिर ऐसा होने की आशंका है. भूख और हिंसक संघर्ष में सम्बन्ध, जटिल और दूरगामी बताया गया है. हिंसक संघर्ष में फँसे बड़ी संख्या में लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में, अपनी ज़मीन, घर और रोज़गार छोड़कर जाने के लिये मजबूर हो रहे हैं. यही रुझान म्याँमार, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, मध्य सहेल, सूडान, दक्षिण सूडान, सोमालिया, इथियोपिया के उत्तरी हिस्सों, नाइजीरिया और मोज़ाम्बीक़ में जारी रहने की सम्भावना है. जलवायु और खाद्य क़ीमतें यूएन एजेंसियों ने चरम जलवायु की घटनाओं और उनके असर के रुझानों पर भी चिन्ता जताई है. “जलवायु परिवर्तन अब भविष्य की एक झलक मात्र नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में समुदायों के लिये दैनिक वास्तविकता है.” इस संकट के प्रभाव हेती, पूर्वी अफ़्रीका, मेडागास्कर, मोज़ाम्बीक़ और अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमी क्षेत्र में देखे जा सकते हैं. इसके अलावा, वैश्विक महामारी से उपजी आर्थिक चुनौतियों के जारी रहने की सम्भावना है, जिससे खाद्य क़ीमतों में बढ़ोत्तरी होगी. वर्ष 2021 के मध्य में कुछ गिरावट के बावजूद, विश्व में खाद़्य क़ीमतों में मई 2020 से ही उछाल दर्ज किया गया है, और निकट पूर्व, उत्तर अफ़्रीका और मध्य व पूर्वी एशिया में सबसे अधिक चिन्ताजनक रुझान देखे गए हैं. मानवीय सहायता पहुँचाने में पेश आने वाली मुश्किलों और जटिल सुरक्षा माहौल के बीच, इथियोपिया, माली, उत्तरी नाइजीरिया, निजेर और सीरिया में सहायता अभियानों में चुनौतियाँ बरक़रार हैं. साथ ही, मध्य अफ़्रीका गणराज्य और कोलम्बिया में भी यही हालात बने रहने की सम्भावना है. चिन्ताजनक हालात इथियोपिया, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान और यमन के साथ-साथ कई अन्य देशों में खाद्य असुरक्षा के गम्भीर हालात को चिन्ताजनक क़रार दिया गया है. अफ़ग़ानिस्तान में रिकॉर्ड संख्या में लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है, और यदि संकट से नहीं निपटा गया, तो आबादी के एक हिस्से पर भुखमरी का शिकार होने और मौतें होने का जोखिम है. फ़िलहाल दो करोड़ 28 लाख अफ़ग़ान नागरिक खाद्य असुरक्षा से पीड़ित हैं, और पर्याप्त भोजन ना मिल पाने से उनके जीवन के लिये ख़तरा है. हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका क्षेत्र, पहले से ही खाद्य असुरक्षा के नज़रिये से नाज़ुक हालात में है, और तीसरी बार सूखे का सामना कर रहा है. इथियोपिया, केनया और सोमालिया, सर्वाधिक प्रभावित देश हैं, जहाँ साल के मध्य तक खाद्य असुरक्षा हालात के और गम्भीर होने की आशंका है. सहेल क्षेत्र में, कम बारिश होन की वजह से फ़सल और चारागाहों पर असर हुआ है. बताया गया है कि एक करोड़ से अधिक लोगों द्वारा संकट स्तर या उससे भी ख़राब खाद्य असुरक्षा से पीड़ित होने की आशंका है, और पिछले वर्ष की तुलना में यह आँकड़ा 20 फ़ीसदी अधिक है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News