ब्रसेल्स, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। यूरोपीय संघ (ईयू) ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने आर्थिक, राजनीतिक और रक्षा अस्तित्व को बढ़ाने के लिए एक नई रणनीति का अनावरण किया है, जिसमें टकराव की मांग किए बिना इस क्षेत्र के सभी सदस्यों के साथ सहयोग करने का निश्चय किया है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की सूचना दी इंडो-पैसिफिक में सहयोग के लिए यूरोपीय संघ की रणनीति पर अपनाए गए संयुक्त संचार के अनुसार, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का बढ़ता आर्थिक, जनसांख्यिकीय और राजनीतिक वजन इसे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में एक प्रमुख खिलाड़ी मानता है, । यूरोपीय संघ इस क्षेत्र के साथ अपनी भागीदारी बढ़ाना चाहता है, ताकि नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को सु²ढ़ किया जा सके, वैश्विक चुनौतियों का समाधान किया जा सके और दीर्घकालिक समृद्धि पैदा करने वाले तीव्र, न्यायसंगत और टिकाऊ आर्थिक सुधार की नींव रखी जा सके। यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ब्लॉक कोई टकराव नहीं बल्कि सभी के साथ सहयोग की मांग करेगा, और रणनीति इस क्षेत्र के सभी अभिनेताओं के लिए समावेशी है। बोरेल ने बाद में जारी एक बयान में कहा कि दुनिया का गुरुत्वाकर्षण केंद्र भू-आर्थिक और भू-राजनीतिक दोनों ²ष्टि से इंडो पैसिफिक की ओर बढ़ रहा है। ईयू और इंडो-पैसिफिक का भविष्य आपस में जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी भागीदारी का उद्देश्य सभी के लिए एक स्वतंत्र और खुला इंडो-पैसिफिक बनाए रखना है, जबकि हरित संक्रमण, महासागर शासन और डिजिटल एजेंडे से लेकर सुरक्षा और रक्षा तक के मामलों में सहयोग करने के लिए मजबूत और स्थायी साझेदारी का निर्माण करना है। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस